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आपातकाल की 25 जून की काली रात 46 वर्ष बाद भी नहीं भूलती : शांता कुमार

आपातकाल पर आयोजित व्याख्यान में साझा किये अपने अनुभव शिमला, 25 जून (हि. स.)। विश्व संवाद केंद्र शिमला और दीनदयाल उपाध्याय पीठ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वर्चुवल कार्यक्रम में पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि आज से 46 वर्ष पहले 25 जून की वह काली उनको कभी नहीं भूलती जब पूरे देश में केवल एक नेता की कुर्सी चले जाने पर आपातकाल लागू कर दिया गया। इस दौरान पूरे देश को जेल में बदल दिया गया और संविधान समाप्त करके समस्त नागरिक अधिकार समाप्त कर दिये गये। अपने आपातकाल के संस्मरण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनको आपातकाल में 19 महीने नाहन की जेल में बिताने पड़े। आपातकाल में एक1 लाख 10 हजार से अधिक लोगों को जेल में डाल दिया गया। इतना ही नहीं सत्याग्रहियों को भारी यातनाएं दी गयी जिसमें 90 लोग शहीद हो गये। उनका कहना था कि उनके लिए नाहन जेल यातनागृह न होकर एक तीर्थ स्थल जैसी अनुभूति प्रदान करता है। नाहन जेल में अक्सर वह एक पंक्ति कहा करते थे कि ‘‘गुनाहगारों में शामिल गुनाहों में नहीं शामिल’’। नाहन जेल में उनको वेदांत, विवेकानंद और ओशों की पुस्तकों को पढ़ने का मौका मिला इसके साथ उन्होंने दो पुस्तकें भी जेल में लिखी। लोकतंत्र प्रहरी एवं राष्ट्रीय सिख संगत के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री अविनाश जायसवाल ने कहा कि उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल संभाग में वे प्रचारक थे। उनके लिए आपातकाल का अनुभव जानकारी से परिपूर्ण और प्रेरक रहा है। उन्होने आपातकाल के दौरान आंदोलन में भाग लेने वाले सभी सत्याग्रहियों को नमन किया। कुल्लू से जुड़े लोकतंत्र प्रहरी टेकचंद ने बताया कि आपातकाल के दौरान सत्याग्रहियों पर अमानवीय, पाशविक अत्याचार किये गये। उनका कहना था कि अकेले कुल्लू जिले से 21 लोगों को आपातकाल में जेल में डाल दिया गया। वक्ताओं में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृपा प्रसाद सिंह, लेखक, राजनेता और पटना विश्वविद्यालय में वाणिज्य प्राध्यापक रमाकान्त पाण्डेय, दैनिक स्वदेश समूह भोपाल के प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा, शिमला के वरिष्ठ अधिवक्ता भारत भूषण वैद और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय डाॅ0 हेडगेवार पीठ के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश शर्मा ने आपातकाल पर अपने संस्मरण साझा किये। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/उज्जवल

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