सोलन : एक साल पहले आज़क दिन कालका ग्रास बने थे 14 सैनिक
सोलन : एक साल पहले आज़क दिन कालका ग्रास बने थे 14 सैनिक

सोलन : एक साल पहले आज़क दिन कालका ग्रास बने थे 14 सैनिक

सोलन, 14 जुलाई ( हि. स.) । सोलन के अंतर्गत डगशाई स्थित छावनी क्षेत्र से असम राइफल के 30 जवान वर्ष 2019 में 14 जुलाई को हादसे का शिकार हो गए थे । जिसमें 13 जवानों की एक इमारत धसने से मौत हो गई थी । इस दिन को याद करके आज भी लोग सिहर उठते हैं । रविवार का दिन था कुम्हारहट्टी में आर्मी एरिया होने के कारण जवान शाम के समय अकसर घूमने निकला करते थे । उस दिन डगशाई के जवान असम रायफल के जवान थे और उस दिन सभी जवान जेसीओ रैंक पर प्रमोट होने की खुशी मनाने के लिए छावनी से बाहर निकले । पहले प्लान बना शिमला जाने का, लेकिन मौसम खराब होता देख सबने सोचा क्यों ना नजदीक ही पार्टी कर लें, सब लोग चल पड़े, फिर उनको ध्यान आया कि समीप ही नाहन मार्ग पर स्थित सुल्तानपुर में नया ढाबा खुला है जहां वह पार्टी कर सकते हैं । गाड़ी में सवार सभी फौजी वहां पहुंच गए । ढाबे में काम करने वाला एक लड़का फौजियों के पास आया उसने खाने का आर्डर लिया और चला गया । करीब 3 बजकर 40 मिनट पर उसके बाद कुछ फौजी वॉशरूम गए कुछ बैठे थे । तभी ढाबे के ऊपर बनी बिल्डिंग ताश के पतों की तरह पलक झपकते ही ढह गई जो जैसा था वैसा ही रह गया । उस बिल्डिंग में 12 अन्य लोग भी रह रहे थे वो भी उस हादसे का शिकार हो गए। सूचना मिलते ही प्रशासन ने भी मोर्चा संभाला और मौके पर पहुंचा, वहीं सबसे पहले फोरलेन बनाने वाली कम्पनी के लोगों ने वहां आकर लोगों की मदद करना शुरू किया । जिसके बाद आर्मी के जितने भी जवान नजदीकी छावनियों में तैनात थे, सबने घटनास्थल पर डेरा जमा दिया, पंचकूला से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची । एक घण्टे बाद करीब 5 बजे पहली डेडबॉडी सामने आई जो कि एक आर्मी के जवान की थी, फिर थोड़ी देर बाद एक और डेडबॉडी सामने आई, लेकिन ये एक महिला कि थी, पता करने पर मालूम हुआ कि जो बिल्डिंग गिरी थी ये औरत उस बिल्डिंग की मालकिन थी । रेस्क्यू ऑपरेशन सारी रात चलता रहा, आर्मी के जवान, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ की टीम लगातार सारी रात बिना रुके रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते रहे. अगले दिन 15 जुलाई 2019 को सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर रेस्क्यू टीम को किसी के कराहने की आवाज आई, जवानों ने देखा तो एक जवान की सांसें चल रही थी, जवानों ने उसे बाहर निकाला और धर्मपुर हेल्थ सेंटर इलाज के लिए भेज दिया । सुबह के करीब आठ बजे सीएम जयराम घटनास्थल पर पहुंचे मौके का जायजा लिया और प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि कोई भी मलबे में दबा नहीं होना चाहिए और बिल्डिंग की जांच के ऑर्डर दिए । दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर आधिकारिक पुष्टि के साथ पता चला कि बिल्डिंग के मलबे में कुल 42 लोग दबे थे, जिसमें 30 आर्मी के जवान और 12 आम नागरिक थे ।जिनमें से एक महिला भी थी । रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद पता चला कि इस घटना में 14 की मौत हुई जिनमें से 13 सेना के जवान और 1 महिला जो कि बिल्डिंग की मालकिन थी । वहीं, इस घटना में 28 लोग घायल हो गए थे । लेकिन इस हादसे का जिम्मेदार कौन है आज भी ये सवाल खड़ा है । हिन्दुस्थान समाचार / संदीप/सुनील-hindusthansamachar.in

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