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कांगड़ा के सूरजपुर में बिना विशेषज्ञ की उपस्थिति में बन रहे थे कोविड के रेमडेसिविर इंजेक्शन, जांच के बाद बंद हुई प्रोडक्शन

धर्मशाला, 16 अप्रैल (हि.स.)। जिला कांगड़ा में नूरपुर उपमंडल के तहत सूरजपुर स्थित दवाइयां बनाने वाली ट्यूलिप फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बिना किसी अनुमति के कोविड वेक्सीनेशन की रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का मामला सामने आया है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले का खुलासा मध्यप्रदेश की इंदौर क्राइम ब्रांच ने किया है। इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एक शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की है। बताया जा रहा है कि आरोपी के पास से नकली रेमडेसिविर के 16 बॉक्स मिले हैं जिसमें से एक बॉक्स में 25 के करीब इंजेक्शन थे। जानकारी के मुताबिक आरोपी शख्स पेशे से डॉक्टर हैं और मध्य प्रदेश के इंदौर से ताल्लुक रखता है। जिसकी ओर से लॉक डाउन के बाद ट्यूलिप फॉर्म्युलेशन कम्पनी में फिर से प्रोडक्शन शुरू कर दी गई थी। इसी बीच साल 2020 के दिसम्बर माह में यहां रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के लिये बाकायदा धर्मशाला स्थित असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर और लाइसेंस अथॉरिटी आशीष रैना के पास आकर अनुमति भी मांगी गई थी। जिसके लिये बाकायदा आरोपी शख्स द्वारा कम्पनी के मैनेजर पिंटू कुमार कुमार को उनके पास भेजा गया था। मगर उन्हें इंजेक्शन की प्रोडक्शन करने की अनुमति नहीं मिली। जिसके बाद कम्पनी अपने प्लॉट में कानूनी तौर पर पैंटाजोल टेबलेट्स का ही उत्पादन कर रही थी। जानकारी के मुताबिक ट्यूलिप फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पिछले साल लॉक डाउन लगने के बाद बंद थी। अगस्त 2020 को इंदौर के रहने वाले आरोपी ने ही कंपनी में फिर से उत्पादन शुरू करवाया था और स्टाफ को हर महीने सैलरी भी वही दे रहे थे। कंपनी में वर्तमान में सात कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से दो सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल हैं। इस पूरे मसले को लेकर असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर धर्मशाला आशीष रैना से इस बाबत बातचीत करनी चाही लेकिन उनसे संर्पक नही हो पाया। बाद में पताचला कि इस घटना के बाद असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर धर्मशाला आशीष रैना अपने सहयोगी ड्रग इंस्पेक्टर प्यार चंद के साथ शुक्रवार को मौके पर पहुंचे हुये थे और वहां उन्होंने गहनता से छानबीन करने पर पाया कि सूरजपुर स्थित ट्यूलिप फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की अनुमति तो है किंतु इन्हें बनाते वक्त किसी विशेषज्ञ का होना जरूरी है। अतः यह इंजेक्शन बिना विशेषज्ञ की उपस्थिति में ही बना दिये गए। उन्होंने नूरपुर के ड्रग इंस्पेक्टर प्यार चंद को मामले की जांच करने के आदेश दिए गए थे। अब मामले की जांच पूर्ण करके फैक्ट्री में उत्पाद बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही किसी भी कर्मचारी को अंदर आने की अनुमति नहीं है। इस मौके पर थाना प्रभारी डमटाल हरीश गुलेरिया भी अपनी टीम सहित जांच के वक्त मौजूद रहे। वहीं जिलाधीश राकेश प्रजापति ने बताया कि जिला के इंदौरा उपमंडल में इस तरह का वाकया सामने आया है। ये उनके जहन में है, और सम्बन्धित अधिकारियों और पुलिस विभाग को इस बाबत अलर्ट कर दिया है। साथ ही तुरंत जानकारी जुटाने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उनके पास पूरे मामले की जानकारी मिलेगी वो उसे जरूर सार्वजनिक करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

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