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नगर निगम शिमला का 222 करोड़ का बजट पारित, जनता पर डाला आर्थिक बोझ

शिमला, 25 फरवरी (हि.स.)। नगर निगम शिमला का वर्ष 2021-2022 का बजट गुरुवार को पेश कर दिया गया है। महापौर सत्या कौंडल ने भाजपा शासित नगर निगम का चौथा और अपने कार्यकाल के दूसरा बजट प्रस्तुत किया। इस बार कुल 222 करोड़ का बजट है। बाद में सर्वसम्मति से बजट को पारित भी कर दिया गया। अहम बात यह है कि नगर निगम शिमला ने बजट में शहरवासियों पर बोझ लाद दिया है। नगर निगम ने जहां विद्युत सैसल प्रति युनिट 10 पैसे से बढ़ाकर 20 पैसे किया है, वहीं अब आनलाइन से शॉपिंग की हर डिलीवरी पर भी 5 रुपए लिए जाएंगे। विद्युत सैस बढ़ाने से नगर निगम को करीब 1.75 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। इसी तरह शराब की बोतल पर लगने वाले टैक्स को दो रुपए से बढ़ाकर पांच रुपए कर दिया गया है। इससे नगर निगम को दो करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। यही नहीं नगर निगम अब अचल संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन पर भी स्टैंप डयूटी लगाएगा। इससे नगर निगम को हर साल करीब 1 करोड़ रुपए की आय होगी। यही नहीं नगर निगम लीज पर दी गई अपनी संपतियों और दुकानों का किराया आकलन भी फिर से करेगा। नगर निगम ने करीब डेढ़ साल पहले ही इनका किराया बढ़ाया था। मगर अब बजट में नगर निगम ने संपतियों के किराए का फिर से आकलन करने की बात कही है, इससे दुकानदारों पर भी बोझ बढ़ेगा। मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि कोरोना महामारी से नगर निगम की आर्थिकि स्थिति पर व्यापक असर हुआ है। इसके चलते पिछले वित्तीय वर्षो की तुलना में अबकी बार सीमित आय हुई है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए शहर की प्रबुद्ध जनता से सुझाव मांगे गए थे। इसके बाद ग्रीन टैक्स वसूलने, नगर निगम की संपत्तियों के किराए का पुर्न आकलन करने, विद्युत और शराब का सैस बढ़ाने, आनलाइन शॉपिंग पर शुल्क लगाने जैसे सुझाव दिए। इसके बाद इस बारे में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की वित्तीय हालात संतोष जनक नहीं है। सभी से अपील है कि वे नगर निगम की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अपना सहयोग दें। इस बीच कांग्रेस ही नहीं भाजपा के पार्षद भी जनता पर बोझ डालने का विरोध किया है। नगर के बजट में जनता पर करों का बोझ लादने का न केवल कांग्रेस के पार्षदों ने बल्कि भाजपा के पार्षदों ने भी विरोध किया। नाभा से पार्षद सिमी नंदा ने विद्युत सैस बढ़ाने का भारी विरोध किया। उनका कहना था कि इससे जनता पर भारी बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि बजट में गलत आंकड़े दर्शाए गए हैं। 2020-21 में विद्युत सैस से बजट आय 2 करोड़ थी और इस वर्ष इसे 1.75 करोड़ के रूप में दिखाया गया। उन्होंने आनलाइन शॉपिंग पर लगने वाले टैक्स का विरोध करते हुए कहा कि इससे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि बजट में एसजेपीएनएल से 48 करोड़ रुपए का आंकड़ा दिखाया गया है जबकि अभी तक एमसी ने एक रूपए भी नहीं लिया। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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