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स्थानीय समाज के हित में रिसर्च करे आईआईटी के शोधार्थी : जयराम ठाकुर

मंडी, 24 फरवरी (हि. स.)। आईआईटी मंडी प्रदेश का बड़ा और महत्वपूर्ण संस्थान है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के 12 वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। जबकि लोकसभा सांसद रामस्वरूप शर्मा और विधानसभा सदस्य जवाहर ठाकुर भी इस अवसर पर मौजूद रहे। समारोह में संस्थान को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि मैं आईआईटी मंडी के 12वें स्थापना दिवस समारोह का हिस्सा बन कर सम्मानित महसूस करता हूं। मुझे खुशी है कि मेरे राज्य में ऐसा आयोजन हुआ है जिसमें देश की सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रतितभाओं के रूप में आईआईटी मंडी के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित हैं। संस्थान ने शोध, परस्पर सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संबंध में पिछले 12 वर्षों में अपनी बड़ी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी हिमाचल प्रदेश का गौरव है। उन्होंने आहवान किया कि आईआईटी मंडी के शोधार्थी स्थानीय समाज के हित में भी रिसर्च करे, जिसका लाभ स्थानीय लोग भी उठा सकें। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को जहां सैंट्रल यूनिवर्सिटी मिली है तो प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिला के हिस्से में आईआईटी जैसा महत्वपूर्ण संस्थान आया है। जो आने वाले समय में सैंट्रल यूनिवर्सिटी से भी बड़ा संस्थान साबित होगा। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार ने जनहित में कई कल्याण एवं विकास योजनाएं शुरू की है। मुझे विश्वास है कि आईआईटी मंडी अपने नए स्वाभिमान, अतिरिक्त आत्मविश्वास और प्रतिबद्धता, ठोस निर्णय, उत्साह और कार्य केंद्रित होकर उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छूकर आत्मनिर्भर भारत बनाने में प्रौद्योगिकी विकास का योगदान देगा। वहीं पर विशिष्ट अतिथि सांसद रामस्वरूप शर्मा ने संस्थान की प्रगति और स्थानीय समुदाय में इसके योगदान की प्रशंसा की। इस अवसर पर आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा कि आईआईटी मंडी अब एक अग्रगण्य प्रौद्योगिकी शिक्षा संस्थान एवं शोध केंद्र बन गया है। राज्य सरकार की मदद से आईआईटी मंडी कैटलिस्ट ने हिमाचल प्रदेश और इसके बाहर भी इनोवेशन और उद्यमिता का उत्साहवर्धक इकोसिस्टम बनाया है। नया टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब 110 करोड़ रुपए की डीएसटी की मदद से बना है जो टेक्निकल इंटरफेस के विकास के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। आईआईटी मंडी ने महामारी के दौर में भी विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं हो इसके तमाम उपाय किए। उनकी पढ़ाई जारी रहे इसके लिए संस्थान ने सभी उपकरणों के साथ 15 डेडिकेटेड क्लासरूम की व्यवस्था और स्थापना की। इसके परिणामस्वरूप आईआईटी मंडी ने शिक्षा सत्र 2020-21 में 108 ऑफर के साथ एक बार फिर शानदार प्लेसमेंट दर्ज किया। माइक्रोसॉफ्ट, आमेजन, कोडनेशन, डीईशॉ, एडोब, हाइपरवर्ज, जगुआर लैंडरोवर इंडिया, सी-डैक, रेजरपे, पर्सेप्टिव एनालिटिक और एल एण्ड टी जैसे बड़े नाम इस साल आईआईटी मंडी के टॉप रिक्रूटर रहे हैं। आईआईटी मंडी ने मंडी जिले में भूस्खलन की निगरानी के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी से सहयोग करार किया। बुधवार को को आईआईटी मंडी ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी से सहयोग करार किया है जिसके तहत मंडी जिले में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से लैंडस्लाइड अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे। नए सिस्टम लगने से भूस्खलन की निगरानी करने, एलर्ट, चेतावनी जारी करने वाले लोगों को संभावित भूस्खलन से सतर्क रखने के जिला के प्रयासों में मजबूती आएगी। उसी प्रकार आईआईटी मंडी ने हाल में हिमाचल प्रदेश पुलिस से सहयोग करार किया है। जिसके तहत परस्पर लाभदायक शोध एवं विश्लेषण प्रोग्राम होंगे। हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील

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