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कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच सरकार ने की निपटने की तैयारी

धर्मशाला, 20 मई (हि.स.)। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच हिमाचल सरकार ने भी इससे निपटने के लिए समय रहते तैयारी शुरू कर दी है। देश व प्रदेश के सबसे अधिक संक्रमित जिलों में शुमार कांगड़ा में इस तैयारी के लिए मुख्यमंत्री ने उपायुक्त कांगड़ा के साथ चर्चा के बाद निर्देश जारी कर दिए हैं। जिससे संकट से पूर्व योजना के तहत लड़ा जा सके। गौर हो कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर होना बताया जा रहा है। ऐसे में अब बच्चों के हिसाब से कोविड अस्पताल बनाने और उनमें बीमार बच्चों की जरूरत के हिसाब से सुविधाएं देने की योजना पर प्लान तैयार हो रहा है। इतना ही नहीं आईसीयू बेड भी अब बच्चों को तीसरे स्ट्रेन से बचाने के हिसाब से लगाए जाएंगे। बच्चों को संभालने के लिए अटेंडेंट सहित अन्य व्यवस्थाओं पर भी गौर कर योजना बनाई जा रही है। कोरोना संक्रमण की अभी दूसरी लहर थमी ही नहीं कि तीसरी लहर के खतरे का डर सताने लगा है। तीसरी लहर इसलिए भी खतरनाख मानी जा रही है कि इसका सीधा हमला नौनिहालों पर होने की आशंका जताई जा रही है। छोटे बच्चों को इस खतरनाक संक्रमण से बचाने के लिए पूर्व योजना पर काम नहीं हुआ तो हालात बिगड़ सकते हैं। हिमाचल में सबसे अधिक संक्रमित व बुरे दौर से गुजर रहे कांगड़ा जिला में सरकार व प्रशासन व्यवस्थाओं को बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा के लिए इंतजाम करने में जुट गई है। उधर उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति का कहना है कि तीसरी लहर के बच्चों पर हमले को देखते हुए आगामी तैयारियों पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भी इस बात को लेकर गंभीर हैं। इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद यहां आईसीयू बैड व अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं। जिससे हालात पर काबू पाया जा सके। कांगड़ा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। पिछले कई दिनों के लाॅकडाउन के बाबजूद हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पंचायतों में चलाए जा रहे विशेष अभियान में टेस्टिंग के दौरान करीब 30 से 40 फीसदी लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। जिससे सरकार व प्रशासन की चिंताएं कम होती नजर नहीं आ रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

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