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निर्वासित तिब्बती संसद चुनाव : प्रधानमंत्री पद के लिए पेंपा सेरिंग 24 हजार से अधिक मतों के साथ सबसे आगे

धर्मशाला, 08 फरवरी (हि.स.)। निर्वासित तिब्बती संसद को मिलने वाले नए प्रधानमंत्री (स्कियोंग) की तस्वीर साफ होने लगी है। तिब्बती संसद के लिए चल रही चुनावी प्रक्रिया में पेंपा सेरिंग सभी उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए सबसे आगे चल रहे हैं। प्रारंभिक चुनावी नतीजों में निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष पेम्पा सेरिंग 24,488 वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं जबकि दूसरे नम्बर पर केलसंग दोरजे हैं जिन्हें 14,544 वोट हासिल हुए हैं। इनके अलावा 13,363 मतों के साथ पूर्व गृह मंत्री गेरी डोलमा तीसरे और डुगजून भोटो 10,400 वोट के साथ चौथे स्थान पर हैं। पेंपा सेरिंग ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने पिछली बार भी प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ा था तथा दूसरे स्थान पर रहे थे तथा डा. लोबसांग सांग्ये प्रधानमंत्री बने थे। सोमवार को निर्वासित तिब्बत सरकार के चुनाव आयुक्त वांगड़ू सेरिंग ने प्रारंभिक परिणाम पेश करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री पद के लिए अब चार उम्मीदवार ही शेष रहे हैं। इनमें पेंपा सेरिंग 24,488 वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं। जबकि दूसरे नम्बर पर केलसंग दोरजे हैं जिन्हें 14,544 वोट हासिल हुये हैं साथ ही 13,363 वोटों के साथ गेरी डोलमा तीसरे और डुगजून भोटो 10,400 वोट के साथ चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए शेष बचे चार दावेदारों में 21 मार्च को दो ही चुनाव मैदान में रह जाएंगे। इसके लिये मतों के हिसाब से छंटनी की जाएगी और 11 अप्रैल 2021 को निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री चुनाव का अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के संवैधानिक व्यवस्था के तहत चल रही है। उन्होंने बताया कि चुनाव में पूर्ण तौर पर लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया गया है और चुनाव पूर्ण पारदर्शी तरीके से हो रहा है। उन्होंने बताया कि अंतिम चरण का चुनाव अप्रैल में होगा जिसके बाद 11 अप्रैल को निर्वासित तिब्बती सरकार को नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/उज्जवल-hindusthansamachar.in

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