शिमला, 14 जनवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मकर सक्रांति के पावन पर्व पर गुरूवार को लोग धार्मिक सरोवरों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। कोरोना के प्रकोप के बावजूद भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है। राज्य के प्रसिद्व धार्मिक तीर्थ स्थलों में स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्वालुओं ने जुटना शुरू कर दिया था। राज्य की राजधानी शिमला से 55 किलोमीटर दूर तत्तापानी और कुल्लू जिले के मणिकरण जिले में सतलज और पार्वती नदियों में लोग स्नान करने के लिए उमड़े हुए हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा कोरोना से बचाव को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन किया जा रहा है। तत्तापानी तीर्थ स्थल में इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। इस बार मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया है। हर वर्ष मकर संक्रांति पर तत्तापानी में लोहड़ी का मेला आयोजित किया जाता है। इसमें हजारों लोग दूर-दूर से आकर स्नान करते हैं तािा लोग यहां तुला दान भी करवाते हैं। पिछली बार इसी दिन यहां पर विशालकाय पतीले में 1995 किलो खिचड़ी बनाई गई थी। इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया। इस बार कोरोना महामारी के चलते यह मेला आयोजित नहीं किया गया। बिलासपुर ज़िले के मारकण्ड में भी मकर सक्रांति के अवसर पर श्रद्धालु स्नान करने पहुंच रहे हैं। मकर सक्रांति के मौके पर सोलन स्थित शूलिनी माता मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में लोग नतमस्तक हो रहे हैं। सिरमौर ज़िले की रेणुका झील में भी लोगों ने स्नान किया और ऋषि जम्दग्नि की तपोस्थली तपे का टिल्ला में शीष नवाया। हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल/सुनील-hindusthansamachar.in