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हिमाचल में फसल बीमा योजना से माला माल हुई बीमा कंपनियां

शिमला, 19 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में फसल बीमा योजना से बीमा कंपनियां माला माल हो गई हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के बागवान, प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार फसल बीमा के लिए अधिकृत कंपनियों को अभी तक 248.88 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रीमियम के रूप में चुकी है, लेकिन इन कंपनियों ने बागवानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के एवज में पिछले तीन सालों में महज 128 करोड़ रुपए की राशि ही जारी की है। बीमा कंपनियों की इस मनमानी से खफा प्रदेश सरकार ने 2020-21 का इन कंपनियों का फसल बीमा योजना का प्रीमियम रोक दिया है। बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान यह खुलासा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन बीमा कंपनियों की वजह से बागवानों को लाभ नहीं मिल रहा है। महेंद्र सिंह ठाकुर फसल बीमा योजना को लेकर विधायक नरेंद्र बरागटा के सवाल का जवाब दे रहे थे। मंत्री ने माना कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि बागवानों से कंपनियों ने 101.08 करोड़ रुपए से अधिक का प्रीमियम कैसे वसूल लिया, जबकि फसल बीमा योजना के तहत कुल प्रीमियम का सिर्फ 5 फीसदी हिस्सा ही बागवानों को देना था तथा शेष हिस्सा केंद्र और प्रदेश सरकार को आधा-आधा चुकता करना था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से 2020 के दौरान प्रदेश सरकार ने फसल बीमा के एवज में इन कंपनियों को 74.02 करोड़ रुपए, जबकि भारत सरकार ने 73.77 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रीमियम के रूप में दी है। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा वसूले जा रहे प्रीमियम को लेकर वे खुद स्पष्ट नहीं है। इसलिए वे कंपनियों और केंद्र सरकार के अफसरों के साथ बैठक करेंगे। बागवानी मंत्री ने माना कि बागवानी को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के बाद इसके आकलन के लिए बीमा कंपनियों के लोग नहीं मिलते और बाद में यही लोग कह देते हैं कि नुकसान के आकलन का समय खत्म हो चुका है। ऐसे में बागवानों को फसल बीमा का उचित फायदा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना प्रदेश में पहली अप्रैल 2016 को लागू हुई थी और इस योजना के तहत वर्ष 2016 से 2020 के बीच 424311 बागवान पंजीकृत हुए थे। इस योजन के तहत उद्यान विभाग रबी की फसल का ही बीमा करता है। इस कार्य के लिए एआईसी, इफको टोक्यो, आईसीआईसीआी लम्बार्ड, एचडीएफसी एरगो और रिलायंस जीआईसी इत्यादि कंपनियों से अनुबंध है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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