विभागीय जांच में देरी करने पर उच्च न्यायालय ने  कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर पर लगाया पचास हजार जुर्माना
विभागीय जांच में देरी करने पर उच्च न्यायालय ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर पर लगाया पचास हजार जुर्माना

विभागीय जांच में देरी करने पर उच्च न्यायालय ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर पर लगाया पचास हजार जुर्माना

शिमला, 17 जुलाई (हि.स.)। विभागीय जांच में देर करने पर उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के जस्टिस संदीप शर्मा ने प्रार्थी डॉक्टर रमेश कुमार कटारिया की याचिका को स्वीकार करते हुए चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पर पचास हजार जुर्माना देने का आदेश पारित किया है। वर्ष 2017 में यूनिवर्सिटी ने प्रार्थी के ऊपर अपने से सीनियर का आदेश न मानने के चलते चार्जशीट तैयार की थी। उप कुलपति ने विभागीय जांच के पेंडिंग होने की वजह से प्रार्थी को डीन ऑफ सीड साइंस के पद के लिए पदोन्नत नहीं किया गया। कृषि विश्वविद्यालय के इस निर्णय से प्रभावित होकर प्रार्थी ने माननीय उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई। जस्टिस संदीप शर्मा ने मामले मैं निर्णय देते हुए कहा है कि डिसीप्लिनरी कार्यवाही से विभागों को बचना चाहिए इससे एंपलाई और एंपलायर दोनों का हित नहीं होता है। साल 2017 में चार्ज फ्रेम होने के बाद तीन साल के बाद इंक्वायरी ऑफिसर अप्वॉइंट किया गया जोकि गलत है। हिंदुस्तान समाचार/नरेश/सुनील-hindusthansamachar.in

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