धर्मशाला दौरे के दौरान सियासी रणनीति बनाने में व्यस्त रहे मुख्यमंत्री
धर्मशाला, 09 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले जिला कांगड़ा में पंचायत व नगर निकाय चुनावों में जीत के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद कमान संभाली है। जिला मुख्यालय धर्मशाला के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री भले ही बर्ड फलू और कोरोना की समीक्षा के लिए आए थे लेकिन इस बहाने उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सहित पार्टी पदाधिकारियों के साथ इन चुनावों को लेकर लंबा मंथन किया। चुनावों में किस तरह भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के सिर जीत का सेहरा बांधना है इसे लेकर लंबा मंथन हुआ। मुख्यमंत्री ने शनिवार को शिमला रवाना होने से पूर्व भी नगर निगम धर्मशाला और पालमपुर के आगामी चुनावों को लेकर भी सबंधित क्षेत्र के पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति को अंजाम दिया। इस दौरा खासकर इन चुनावों में पार्टी की ओर से सर्वसम्मति से उम्मदीवार उतारने को लेकर नामों पर चर्चा हुई। यही नही मुख्यमंत्री ने नगर निगम चुनावों मेें जीत के लिए बूथ स्तार पर प्रभारियों की नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा की ताकि पूरी रणनीति के साथ जीत की ओर बढ़ा जाए। बैठक में धर्मशाला नगर निगम के 17 वार्डों और पालमपुर के 15 वार्डाें से उन एक-एक पार्टी नेता को बैठक में बुलाया गया था। जिनका वार्ड में एक अच्छा रूतबा है। उधर अगर बात नगर निकाय व पंचायती राज चुनावों की करें तो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की जीत के लिए पार्टी ने कांगड़ा-चम्बा संसदीय क्षेत्र में वन मंत्री राकेश पठानिया को प्रभारी बनाकर उन्हें जिम्मा सौंपा है, लेकिन पठानिया अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से मिल रही तगड़ी चुनौती का मुकाबला करने में घिर गए। बाकी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की सियासी व्यूह रचना कमजोर पड़ने की सूचना जैसे ही मुख्यमंत्री जयराम तक पहुंची तो वे बिना देर किए बीते दिन शुक्रवार को धर्मशाला पहुंच गए। निकाय चुनाव की मतदान तिथि से ठीक दो दिन पहले मुख्यमंत्री बेशक धर्मशाला में कोरोना व बर्ड फ्लू की स्थिति की समीक्षा करने के लिए पहुंचे, लेकिन उनका शीर्ष एजेंडा कांगड़ा में चुनावी माहौल को नई धार देने का रहा। बीते दिन सर्किट हाउस में दोपहर बाद शुरू हुई सियासी पाठशाला में विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, कांगड़ा के सांसद किशन कपूर, राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी, अधिकतर विधायक, पूर्व विधायक और शीर्ष पदाधिकारियों ने हाजिरी भरी। इस बैठक की अहमियत इस बात से लगाई जा सकती है कि प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना व पार्टी मुखिया सुरेश कश्यप खास तौर पर बैठक में भाग लेने धर्मशाला पहुंचे। शुक्रवार देर रात तक चली कांगड़ा संसदीय क्षेत्र की मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री जयराम व खन्ना ने मंत्रियों, विधायकों व संगठन पदाधिकारियों की हर बात ध्यान से सुनी, उनके सुझाव लिए वहीं साथ ही संगठन और सरकार के स्तर पर पेश आ रही समस्याओं को लेकर भी फीडबैक ली। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अलग से भी पार्टी के कई नेताओं संग मंत्रणा की। सियासी सूत्रों की मानें तो पंचायत और निकाय चुनावों में कांगड़ा के तीनों मंत्रियों व विधायकों की अपने-अपने विधानसभा हलकों में साख दांव पर लगी हुई है। अधिकतर पंचायतों में भाजपा की विचारधारा वाले लोग एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए हैं। काफी मान-मनुहार के बाद भी पार्टी के लोग मैदान छोड़ने को तैयार नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील-hindusthansamachar.in