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गुड़िया मामले में सीबीआई ने मुझे फंसाया, हाई कोर्ट में करूंगा सज़ा के खिलाफ अपील: नीलू

शिमला, 18 जून (हि.स.)। बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिए गए अनिल कुमार उर्फ नीलू को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। घटना के 47 माह बाद शुक्रवार को अदालत का फैसला आया है। कड़ी सुरक्षा के बीच नीलू को अदालत में पेश किया गया। नीलू का कहना है कि सीबीआई ने इस मामले में उसे जबरन फंसाया है और सज़ा के खिलाफ वह हाई कोर्ट में अपील करेगा। शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायालय चक्कर की विशेष अदालत में सज़ा का ऐलान होने के बाद कोर्ट परिसर से बाहर जाते हुए नीलू ने पत्रकारों के सवालों पर कहा कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वह गुड़िया को जानता तक नहीं था। उसे फंसाने के लिए सीबीआई द्वारा झूठा खेल रचा गया है। सीबीआई के डीएनए परीक्षण के मिलान पर नीलू ने कहा कि ये सब गलत है। घटना के वक्त वो वहां मौजूद ही नहीं था। सीबीआई ने मनगढ़ंत कहानी बनाई है। इन वारदात को 4-5 लोगों ने अंजाम दिया है लेकिन वह उन्हें जनता है। वह बेकसूर है और हाई कोर्ट में सज़ा को चुनौती दूंगा। उल्लेखनीय है कि लकड़हारे का काम करने वाले 27 वर्षीय नीलू को गुड़िया की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के आरोप में सीबीआई ने 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया था। मई 2018 को अदालत में उसके खिलाफ चालान दाखिल किया था। सीबीआई की ओर से तीन साल चले ट्रायल के बाद बीते 28 अप्रैल को अदालत ने नीलू को दुष्कर्म, हत्या की धाराओं व पॉक्सो एक्ट में दोषी करार दिया था। नीलू को अदालत ने ताउम्र जेल में रहने की सज़ा सुनाने के साथ 10 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल

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