प्रवेश परीक्षाओं को लेकर एवीबीपी की जीत, दोषियों पर हो कड़ी कार्यवाही : एवीबीपी
शिमला, 09 जनवरी (हि. स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन का बिना प्रवेश परीक्षा दाखिला करवाने को गैरकानूनी करार देने पर स्वागत करती है। प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन महामारी की आड़ में पिछले काफी लंबे समय से तानाशाही व गैर कानूनी तरीके से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कार्य कर रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शुरू से ही विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष इस मांग को उठा रही थी कि पीजी कोर्सेज के अंदर दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षाओं का होना बहुत जरूरी है। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से सब्सिडाइज्ड व नॉन सब्सिडाइज्ड सीट के लिए प्रवेश परीक्षा के नाम पर 1400 रुपए फीस बसूल कर अपनी जिम्मेवारी से नहीं भाग सकता। परिषद ने कहा कि मेरिट के आधार पर भी जो दाखिले करवाए जाते हैं उसमें भी बहुत सारी गड़बड़ियां सामने आती हैं। यूजी के बहुत सारे विषय जैसे कि बीटीए, बी वोक, बी बी ए- बी सी ए जैसे विषयों के परीक्षा परिणाम घोषित किए बिना विश्वविद्यालय प्रशासन हजारों छात्रों को नजरअंदाज करते हुए पीजी की सीटें भर देता है। इस पूरे मामले की जानकारी जब विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अध्ययन के समक्ष रखती है तब उनके द्वारा बहुत ही नकारात्मक रवैया अपनाते हुए छात्रों की मांगों को अनसुना कर दिया जाता है। विद्यार्थी परिषद में विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों के इस व्यवहार की कड़ी निंदा करती है तथा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय का स्वागत करते हुए इस पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए अधिष्ठाता अध्ययन के पद पर तैनात प्रोफेसर अरविंद कालिया को तुरंत बर्खास्त करने की मांग करती है। इसी के साथ शुक्रवार को विश्वविद्यालय की ऑफिशल वेबसाइट के ऊपर बीएड से संबंधित एक नोटिफिकेशन डाली जाती है जिसमें विद्यार्थी परिषद का लोगो लगा होता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस पूरे मामले पर भी जांच की मांग करती है कि किस तरीके से विवि कर्मचारी अपना काम किस लापरवाही से करते हैं। विद्यार्थी परिषद माननीय उच्च न्यायालय से यह मांग करती है कि विवि प्रशाशन के इस तानाशाही व भ्रष्टाचारी कार्यशैली को मध्यनजर रखते हुए उचित व सख्त कार्यवाही सम्बंधित अधिकारियों पर करें। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/उज्ज्वल-hindusthansamachar.in