सेना को मिले नक्सलवाद को समाप्त करने की छूट : शान्ता कुमार
पालमपुर, 06 अप्रैल (हि. स.)। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि बीजापुर में नक्सलियों के आक्रमण से 22 जवानों की शहादत से पूरा देश दहल गया हैं। यह समस्या बहुत पुरानी हैं। देश के नौ राज्यों में लगभग 50 जिलें नक्सल समस्या से प्रभावित है। आज तक 10 हजार नक्सली वारदातों में हजारों सैनिक शहीद हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले सरकार ने नक्सलवाद के कारणों का पता लगाने के लिए एक ऊच्च स्तरीय समिति बनाई थी। उसमें एक मत से कहा था कि नक्सलवाद का कारण देश के कुछ इलाकों में भयंकर गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी है। माओवादी उन गरीबों को भड़का कर यह वारदातें कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार आर्थिक विशमता दूर करे और उन इलाकों में युद्ध स्तर पर विकास करें। शान्ता कुमार ने कहा कि विकास तो हो रहा है पर विकास के लाभ सबसे नीचे सबसे गरीब को बहुत कम मिल रहा है। कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया के 190 देशों में अरबपत्तियों की सूची में भारत ऊपर चैथे नम्बर पर है। परन्तु ग्लोबल हंगर इन्डैक्स की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 130 सबसे गरीब देशों में भारत नीचे 117 स्थान पर हैं। इतना ही नही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 19 करोड़ 40 लाख लोग रात को लगभग भुखे पेट सोते है। विकास हो रहा है परन्तु सामाजिक न्याय नही हो रहा है। अमीरी चमक रही है और गरीबी सिसक रही है। उन्होंने इसके लिये अन्त्योदय योजना शुरू करने का सुझाव दिया जो इन अति गरीब लोगों की सहायता करें। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि नक्सलवाद की समस्याओं को राज्य की पुलिस समाप्त नहीं कर सकती। हजारों जवान शहीद हो चुके हैं। इस सम्बन्ध में सरकार को रणनीति बदलनी चाहिए। अब इन इलाकों को नार्थ ईस्ट की तरह सीधे सेना के हवाले कर देना चाहिए। सेना को नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी छूट दी जानी चाहिए। उन इलाकों की गरीबी भुखमरी को दूर करने के लिए यु़द्ध स्त्तर पर काम करना चाहिए। उन के नेताओं से बातचीत भी की जानी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/उज्जवल