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गुजरात : फीस में कटौती की घोषणा से भी अभिभावकों को राहत नहीं

अहमदाबाद, 26 जून (हि.स.)। कोरोना महामारी ने अधिकतर परिवारों को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया है। कई परिवारों ने अपने एकमात्र कमाने वाले मुखिया को खो दिया है। छात्रों की ऑफलाइन पढ़ाई सालभर से बंद है। ऑनलाइन पढ़ाई में स्कूल प्रबंधन का कम खर्च होने के बावजूद छात्रों के अभिभावकों को महंगी फीस से राहत नहीं मिल रही है। राज्य सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी फीस में 25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा जरूर की है लेकिन विलंब से हुए इस फैसले के कारण अभिभावकों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। क्योंकि स्कूलों ने लगभग 70 प्रतिशत फीस की वसूली पहले ही कर ली है। राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा ने शुक्रवार को जब फीस में 25 प्रतिशत कटौती की घोषणा की तो प्राइवेट स्कूल संचालकों को यह बात रास नहीं आई। उन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की चुनौती दे दी। फेडरेशन ऑफ सेल्फ एम्प्लॉयड स्कूल संचालक मंडल के प्रवक्ता दीपक राज्यगुरु ने शनिवार को बताया कि शिक्षा मंत्री के बयान के बाद बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें शिक्षा मंत्री के फीस माफी के बयान से असहमति जताई गई। पिछले शैक्षिक सत्र में हमने 25 फीसदी फीस माफ की। यदि फीस माफी का फैसला सरकार मौजूदा सत्र में भी जारी रखती है तो स्कूल संचालक अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। हालांकि राज्य सरकार की फीस माफी की घोषणा और स्कूल संचालकों द्वारा इसके खिलाफ अदालत में जाने की धमकी को छात्रों के अभिभावक बहुत गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उनका यही मानना है कि सरकार और स्कूलों के बीच एक और नाटक शुरू हो गया है। ऑल गुजरात अभिभावक मंडल के अध्यक्ष नरेश शाह ने कहा कि शिक्षा मंत्री अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। राज्य का शिक्षा विभाग प्रशासकों के भरोसे चल रहा है और लगातार अभिभावकों के साथ अन्याय कर रहा है। ऐसा लगता है कि शिक्षा मंत्री की फीस माफी चुनाव में वोट पाने के डर से की गई है और दूसरी तरह आम आदमी पार्टी का डर है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते मार्च 2020 से स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई बंद है। स्कूल प्रबंधन को ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ रहा है फिरभी छात्रों को फीस से कोई राहत नहीं मिल रही है। हिन्दुस्थान समाचार/हर्ष शाह

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