संघ के स्वयंसेवक घर-घर पहुंचा रहे स्वदेशी राखियां
संघ के स्वयंसेवक घर-घर पहुंचा रहे स्वदेशी राखियां

संघ के स्वयंसेवक घर-घर पहुंचा रहे स्वदेशी राखियां

नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। भाई-बहन का अटूट पर्व रक्षाबंधन सोमवार को है। इस बार यह पर्व खास होने वाला है, क्योंकि लोग इस बार चीनी राखियों का बहिष्कार कर रहे हैं। हर तरफ स्वदेशी राखियों का बोलबाला है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती भी स्वदेशी राखियों को घर-घर पहुंचाने की मुहिम में जुटा है। सेवा भारती ने सेवा बस्तियों की बहनों के समूहों से राखियां बनवाई है, जिन्हें संघ के स्वयंसेवक घर-घर पहुंचा रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली स्थित बदरपुर बस्ती में राखियां बाट रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मंडल कार्यवाह सुंदर कान्याल ने 'हिन्दुस्थान समाचार' से बातचीत में बताया कि हमारे नगर कार्यवाह राजीव जी के माध्यम से हमें ये प्रकल्प मिला था कि इस बार हम सेवा भारती द्वारा बनवाई जा रही राखियां आम घरों तक पहुचाएं। ऐसे में मैने अपनी शाखाओं के माध्यम से इनका वितरण कराया है। स्वदेशी के लिए ये छोटा सा कदम है लेकिन बहुत अच्छा कदम है। इससे हमारी गरीब माताओं-बहनों को रोजगार भी मिला है, ऐसा करके अच्छा लगता है। अपने घर और पड़ोसियों के लिए राखियां ले जा रहे हीरा सिंह भाटी ने बताया कि उनको इन राखियों की सूचना अपने डीडीए फ्लैट की भगत सिंह शाखा में मिली थी। राखियां बहुत रंग बिरंगी और सुंदर हैं। अलग-अलग डिजाइन की हैं और सस्ती भी हैं। एक राखी की कीमत सिर्फ आठ रुपये पड़ी है। बाजार में ये पंद्रह से बीस रुपये से कम में नही मिलेंगी। सेवा भारती द्वारा चलाये गए प्रकल्प की जितनी सराहना की जाए उतनी काम है। इससे लोगों में स्वदेशी की भावना जाग्रत होती है तथा उसे और बल मिलता है। हिन्दुस्थान समाचार / रतन सिंह-hindusthansamachar.in

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