लॉकडाउन के बाद रोहिणी क्षेत्र में बढ़ा रेहड़ी-खोमचे वालों का अतिक्रमण
लॉकडाउन के बाद रोहिणी क्षेत्र में बढ़ा रेहड़ी-खोमचे वालों का अतिक्रमण

लॉकडाउन के बाद रोहिणी क्षेत्र में बढ़ा रेहड़ी-खोमचे वालों का अतिक्रमण

नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में सूनी पड़ी सड़कें अनलॉक प्रक्रिया शुरू होते ही अतिक्रमण से घिरने लगीं हैं। दिल्ली के रोहिणी में भी अतिक्रमण ने लोगों को परेशान करके रखा है। यहां हर गली मोहल्ले में सब्जी बेचने वालों के साथ-साथ रेहड़ी-खोमचे वालों की भी भरमार सी आ गई। लोग इस दौरान न तो मास्क का प्रयोग कर रहे और न ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कर रहे। ये अपने ग्राहकों को भी दूरी बनाने के लिए भी नहीं बोलते। इन सबके बीच पर्स स्नैचिंग, मोबाइल झपटमारी की घटना, वाहन चालकों का एक-दूसरे से उलझना और कई बार तो ये रेहड़ी वाले ही आगे-पीछे रेहड़ी लगाने के चक्कर में आपस में लड़ पड़ते हैं। छोटा सा विवाद खूनी संघर्ष में बदलते देर नहीं लगती, जिसका मूल कारण अतिक्रमण का होना है। इन सबका खामियाजा स्थानीय निवासियों को भुगतना पड़ता है। रोहिणा सेक्टर-2 के निवासी सेवानिवृत प्रधानाचार्य रामकरण बैनीवाल कहते हैं कि अतिक्रमण पर लगाम लगाना सरकारी विभागों का काम है। आपस में हम किसी को बोलते हैं तो ये लोग लड़ने को आमादा हो जाते हैं। फिर कुछ समाज के लोग इन्हीं का पक्ष लेकर इनके हौंसले बुलंद कर देते हैं। जब किसी इलाके में एक रेहड़ी वाला जम जाता है तो वो कुछ दिन बाद अपने साथियों को भी बुला लेता है। ये सब करना दिल्ली में आसान है। उन्होंने इसके पीछे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। रोहिणी सेक्टर-1 अवंतिका निवासी फूल कुमारी ने बताया कि आजकल कुछ लोगों ने गली-मोहल्लों तथा फुटपाथ पर रेहड़ी-खोमचे वालों को खड़ा करने का धन्धा भी बनाया हुआ है। ये लोग अपने घरों एवं दुकानों के आगे रेहड़ी खड़ी करवाने की एवज में इनसे महीने भर के लिए एकमुश्त पैसा लेते हैं। जब कोई इन्हें रेहड़ी हटाने के लिए बोलता है तो ये घर एवं दुकानवाले लोग इनके पक्ष में आगे आ जाते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेहड़ी-खोमचों के अतिक्रमण को लेकर पुलिस एवं नगर निगम को सैंकड़ों बार शिकायत करो तो एक दिन आते हैं, वो भी पहले सूचना दे देते हैं कि आज आएंगे रेहड़ी मत लगाना। अतिक्रमण सबको दिखता है पर कोई विभाग काम नहीं करता। इसकी आड़ में चैन, पर्स स्नैचिंग और मोबाइल चोरी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। रोहिणी के ही निवासी मनोज पहवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना किसी सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी की सहमति के सड़क पर कोई गतिविधि नहीं हो सकती। कोई पांच मिनट गाड़ी खड़ी करे तो पुलिस वाले तुरंत आ जाते हैं और दूसरी तरफ वे लोग भी हैं जो बीते कई-कई वर्षों से सड़क पर ही अतिक्रमण करके अपना ढाबा चलाते या अन्य समान बेचते हैं, जुग्गियां डालकर परिवार तक बसा रहे हैं, जिनके पास न तो आधार कार्ड है, न ही नगर निगम का कोई तहबाजारी सबूत। इनमें से यदि कोई अपराध करके फरार हो जाए तो उसे पकड़ना तो दूर कोई पहचान भी नहीं बता पाएगा। लोगों का कहना है कि सरकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी समझें। विभाग अपना काम सही ढंग से करे। नगर निगम और पुलिस मिलकर इन लोगों की पुख्ता पहचान करके इलाके के हिसाब से रेहड़ी पटरी वालों के लिए उचित स्थान निश्चित करे। ये लोग इधर-उधर बिखर समस्याएं ना बढ़ाएं। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश-hindusthansamachar.in

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