दिल्ली हिंसाः ताहिर हुसैन के भाई समेत 3 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
दिल्ली हिंसाः ताहिर हुसैन के भाई समेत 3 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

दिल्ली हिंसाः ताहिर हुसैन के भाई समेत 3 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

नई दिल्ली, 11 नवम्बर (हि.स.)। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चांदबाद पुलिया के पास हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम समेत तीन आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि तीनों के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और वीडियो फुटेज में तीनों आक्रामक मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं। कोर्ट ने जिन तीन आरोपितों की जमानत याचिका खारिज की, उनमें शाह आलम, मोहम्मद आबिद और मोहम्मद शादाब शामिल हैं। तीनों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया था। तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153ए, 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 और 120बी के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और चार के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 केस दर्ज किया गया है। सुनवाई के दौरान तीनों आरोपितों की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें झूठे तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई है। इस मामले के शिकायतकर्ता संग्राम सिंह ने अपनी शिकायत में आरोपितों का नाम नहीं लिया है। उसने अपने बयान में एक भी आरोपित का नाम नहीं लिया है, जो एफआईआर दर्ज करने का आधार बन सके। तीनों आरोपितों को केवल इस आधार पर गिरफ्तार किया गया क्योंकि तीनों उस इलाके में रहते हैं जहां घटना हुई। तीनों आरोपितों के पास से कुछ भी बरामद नहीं किया गया है। तीनों आरोपितों के वकील ने कहा कि इस मामले के दो सह-आरोपित अरशद कय्युम और खालिद सैफी को जमानत मिल चुकी है। ऐसे में समानता के आधार पर इन्हें भी जमानत दी जानी चाहिए। दिल्ली पुलिस की ओर से तीनों आरोपितों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए वकील मनोज चौधरी ने कहा कि ये मामला काफी संवेदनशील है, जिसमें ताहिर हुसैन के घर के आसपास दंगे हुए थे। इसकी जांच में ये पता चला कि दिल्ली के दंगों के पीछे गहरी साजिश रची गई थी। इसके कई साजिशकर्ताओं की पहचान कर उन्हें गिऱफ्तार किया गया है। नागरिकता संशोधन कानून का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध के नाम पर सांप्रदायिक दंगे की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि शाह आलम मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन का छोटा भाई है और बाकी दोनों आरोपित भी ताहिर हुसैन के काफी निकट के जानने वाले हैं। मनोज चौधरी ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी की वजह 24 और 25 फरवरी को बड़ी संख्या में पुलिस को आए फोन कॉल्स हैं। उस समय वहां कर्फ्यू के हालात थे। इस मामले में 15 आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन के घर के पास जो सात वीडियो दिखाए गए हैं, उनमें तीनों आरोपित साफ-साफ घटना वाले दिन ताहिर हुसैन के घर की छत पर दिखाई दे रहे हैं। वे काफी आक्रामक मुद्रा में दिख रहे हैं, जिससे साफ पता चलता है कि वे न केवल दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा थे, बल्कि उन्होंने दंगे में हिस्सा लिया था। आरोपित मोहम्मद आबिद ताहिर हुसैन के घर की छत पर लाल रंग की टी-शर्ट में दिखाई दे रहा है। शाह आलम भी वीडियो में मैरुन रंग के स्वेटर पहने हुए दिख रहा है जबकि मोहम्मद शादाब आधी बाजू की सफेद टी-शर्ट और ब्लू जींस पहने हुए दिखाई दे रहा है। कोर्ट ने कहा कि तीनों के कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड घटनास्थल के नजदीक के हैं और इसका कोई स्पष्टीकरण आरोपितों की ओर से नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपितों ने पहचान परेड में शामिल होने से भी इनकार कर दिया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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