झुग्गी-झोपड़ी में रहे लोगों की बर्बादी के लिए दिल्ली सरकार एवं एमसीडी जिम्मेदार : अनिल कुमार
झुग्गी-झोपड़ी में रहे लोगों की बर्बादी के लिए दिल्ली सरकार एवं एमसीडी जिम्मेदार : अनिल कुमार

झुग्गी-झोपड़ी में रहे लोगों की बर्बादी के लिए दिल्ली सरकार एवं एमसीडी जिम्मेदार : अनिल कुमार

नई दिल्ली, 04 सितम्बर(हि.स.)। दिल्ली में रेलवे ट्रैक के आसपास बसी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार एवं नगर निगम पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे लोगों की बर्बादी के लिए केजरीवाल सरकार और दिल्ली के तीनों नगर निगम जिम्मेदार हैं। दोनों ने इन लोगों के पुनर्वास के लिए कुछ नहीं किया, जबकि दोनों पार्टियों ने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में गरीबों को 'जहां झुग्गी-वहीं मकान' देने का वायदा किया था। अनिल कुमार ने शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रेलवे पटरियों के नजदीक बसे सभी झुग्गी-झोपड़ी कलस्टरों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली में लगभग 10 लाख से अधिक गरीब बेघर हो जाएंगे, जो पहले से ही कोरोना संकट से परेशान हैं। कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर करेगी, क्योंकि यह दिल्ली के लाखों गरीब लोगों के जीवन का सवाल है। उन्होंने कहा कि 2010 में कांग्रेस सरकार ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) का गठन किया था, जिसका उदेश्य धारा-10 और 12 के तहत जेजे समूहों के निवासियों को सुरक्षित आवास प्रदान करना था। इस योजना के तहत डीएसआईडीसी ने 41,000 फ्लैट्स और डीयूएसआईबी ने 18,324, डीडीए ने 4740 और एनडीएमसी ने 240 फ्लैट्स का निर्माण किया था। परंतु केजरीवाल और भाजपा दोनों सरकारों ने जे.जे. क्लस्टर्स के पुनर्वास के लिए बिना कुछ दिए उन्हें मात्र वोट बैंक के रूप में ही माना। केजरीवाल पिछले 7 वर्षों से सत्ता में हैं, लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने जेजे कलस्टरों के पुनर्वास के लिए कोई योजना बनाना उचित नहीं समझा। प्रदेश अध्यक्ष कुमार के अनुसार दिल्ली की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजीव आवास योजना के तहत लगभग 64,000 फ्लैटों के निर्माण का कार्य शुरू किया था, जिसमें से 59,000 फ्लैट द्वारका, नरेला, तुगलकाबाद, बवाना, भलस्वा सहित कई अन्य क्षेत्रों में खाली पड़े है। केजरीवाल सरकार की उदासीनता के कारण ये फ्लैट खाली पड़े हैं जबकि केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले सात वर्षों में न तो कोई नई योजना बनाई और न ही लॉन्च की गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ वीरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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