कोरोना काल में यमुना हुई स्वच्छ, नाविक और मछुआरे काफी खुश
कोरोना काल में यमुना हुई स्वच्छ, नाविक और मछुआरे काफी खुश

कोरोना काल में यमुना हुई स्वच्छ, नाविक और मछुआरे काफी खुश

नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। कोरोना महामारी के चलते जहां एक ओर दिल्ली वासी तमाम कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, वहीं यमुना नदी में मछ्ली पकड़ने वाले मछुआरे और नदी के पुल से ऊंची छलांग लगाने वाले तैराक बच्चे काफी खुश हैं। क्योंकि कोरोना महामारी के कारण आम जनजीवन भले ही ठहर सा गया हो, लेकिन इसकी वजह से वायु प्रदूषण में कमी आने के साथ ही यमुना नदी काफी हद तक निर्मल हो गयी है। पिछले वर्ष अगस्त महीने के तीसरे सप्ताह में दिल्ली में यमुना उफान पर थी, जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था और पुराने लोहे के पुल को पैदल यात्रियों के लिए भी बंद करना पड़ा था। इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं है। यमुना शांत बह रही है और जलस्तर सामान्य है। मंगलवार को कालिन्दीकुंज घाट पर अच्छी-खासी हलचल देखने को मिली। एक ओर नाविक नाव चला रहे थे तो दूसरी ओर कुछ मछुआरे जाल फेंक रहे थे। बच्चे पुल से छलांग मार कर नदी में गोते लगा रहे थे। मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल डालने की तैयारी कर रहे सोनू हलदर ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि वह अक्सर मछलियां पकड़ने आते हैं, यहां उन्हें रऊ, माघूर, सोली एवं अन्य मछलियां मिलती हैं। कोरोना महामारी से पहले यमुना नदी का जल साफ नहीं था। नाले का पानी, फैक्ट्रियों के कचरे से गंदगी का स्तर इतना था कि पानी का रंग काला हो गया था। पानी के साथ-साथ मछलियों से भी दुर्गंध आती थी। अब जल साफ होने के बाद मछलियां भी साफ-सुधरी और दुर्गंधरहित मिल रही हैं। गोता लगा रहे विवेक हलदर ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अबकी बार नदी में पानी कम है। नदी को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि साफ नदी में दुबारा गंदगी ना फैलाई जाए। किनारों पर ऐसी व्यवस्था की जाए कि यहां लोगों के लिए टूरिस्ट प्लेस बन जाए। लोग आएंगे तो मछुआरों की भी आमदनी बढ़ेगी। हिन्दुस्थान समाचार/ रतन सिंह-hindusthansamachar.in

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