एसडब्ल्यूएम-2016 को लागू नहीं कर पाने की वजह से स्वच्छता रैंकिंग में पूर्वी निगम नहीं कर पाया उम्दा प्रदर्शन : जैन

एसडब्ल्यूएम-2016 को लागू नहीं कर पाने की वजह से स्वच्छता रैंकिंग में पूर्वी निगम नहीं कर पाया उम्दा प्रदर्शन : जैन
एसडब्ल्यूएम-2016 को लागू नहीं कर पाने की वजह से स्वच्छता रैंकिंग में पूर्वी निगम नहीं कर पाया उम्दा प्रदर्शन : जैन

नई दिल्ली,17 सितंबर (हि.स.)। स्वच्छता रैकिंग में पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के अपेक्षित प्रदर्शन नहीं किए जाने पर महापौर निर्मल जैन ने कहा कि स्वच्छता रैकिंग का आकलन कई मापदंडों के आधार पर किया जाता है। इसमें सबसे अहम है ठोस कूड़ा प्रबंधन-2016 (एसडब्ल्यूएम-2016) के नए नियम जिनमें कूड़े के आधुनिक व वैज्ञानिक माध्यमों से निस्तारण की बात कही गई है। लेकिन दिल्ली सरकार के आर्थिक असहयोग और खराब माली हालत के चलते पूर्वी दिल्ली नगर निगम इन नियमों को अपेक्षित रूप से लागू नहीं कर सका। इसके चलते ईडीएमसी स्वच्छता रैकिंग में कुछ खास नहीं कर सका है। जैन ने गुरुवार को ईडीएमसी के पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि सफाई जैसे मामले पर विपक्ष ने सहयोग नहीं किया और अपने वार्डों में विपक्षी दलों के पार्षद सफाई कराने में नाकाम रहे। विपक्षी दलों को याद नहीं है कि दिल्ली सरकार ने स्वच्छता के मद में निगम को एक पैसे की भी आर्थिक मदद नहीं दी। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते हम कूड़े का पृथकीकरण नहीं कर पा रहे हैं। वहीं दिल्ली में मल्टी-एजेंसी सिस्टम का खामियाजा नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है। पीडब्लयूडी, डीएसआईडीसी, जल बोर्ड, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग अपने क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कर पाया, नालों से गाद भी नहीं उठा पाया जिससे निगम की रैकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में मुर्गा मंडी, सब्जी मंडी, फल और फूल मंडी, मछली मंडी भी है, जहां वैज्ञानिक पद्धतियों से कूड़े का निस्तारण निगम के लिए चुनौती बना हुआ है। लेकिन दिल्ली सरकार कभी भी समय पर पैसा नहीं देती है और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को हमेशा परेशान किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण की पहले दो तिमाहियों में पूर्वी दिल्ली नगर निगम काफी आगे था। तीसरी तिमाही जनवरी फरवरी में हुआ जिसकी रिर्पोट नहीं आई। दिल्ली विधानसभा का चुनाव था जिसमें हमारे सफाईकर्मियों, इंजीनियरिंग विभाग सामान्य विभाग आदि सभी कर्मचारी चुनाव आयोग के निर्देशानुसार चुनाव की तैयारियों में व्यस्त थे और फरवरी में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में दंगे होने की वजह से जगह-जगह कूड़े का अम्बार, राख, जले हुए टायर आदि सड़कों पर लंबे समय तक पड़े रहे। इन सभी कारकों ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम की रैकिंग को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया। हिन्दुस्थान समाचार/वीरेन-hindusthansamachar.in

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