एमसीडी ने डाॅक्टरों, सफाई कर्मियों और शिक्षकों के साथ ही 700 डाटा एंट्री आपरेटरों को भी वेतन नहीं दिया : भारद्वाज
एमसीडी ने डाॅक्टरों, सफाई कर्मियों और शिक्षकों के साथ ही 700 डाटा एंट्री आपरेटरों को भी वेतन नहीं दिया : भारद्वाज

एमसीडी ने डाॅक्टरों, सफाई कर्मियों और शिक्षकों के साथ ही 700 डाटा एंट्री आपरेटरों को भी वेतन नहीं दिया : भारद्वाज

नई दिल्ली, 11 सितम्बर (हि.स.)। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने डाॅक्टरों, सफाई कर्मियों और शिक्षकों के साथ ही करीब 700 डाटा एंट्री आपरेटरों को भी कई महीने से वेतन नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सकती, तो उसे एमसीडी में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा तत्काल इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी को एमसीडी सौंप दे, हम इतने ही पैसे और इसी व्यवस्था में दिल्ली को साफ करके और सभी कर्मचारियों को वेतन देकर दिखाएंगे। पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम के डॉक्टरों, सफाई कर्मचारियों, अध्यापकों का वेतन कई महीनों से रुका हुआ है। नगर निगम के अधीन काम करने वाले लगभग 700 डाटा एंट्री आपरेटरों का वेतन भी नगर निगम ने कई महीनों से नहीं दिया है। पार्टी के निगम पार्षद एवं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष प्रेम सिंह चौहान ने कहा कि जैसा कि सबको पता है कि आजकल भाजपा शासित नगर निगम अपने कर्मचारियों को वेतन दिए बिना काम कराने वाले संस्थान के तौर पर जाना जाता है। उसी कड़ी में आज एक और जानकारी मैं आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लगभग 700 डाटा आपरेटर ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी के ऐसे काल में काम किया, जब कोई व्यक्ति अपने घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहता था। ऐसे महामारी के समय में इन लोगों ने जनता को अपनी सेवाएं दीं, ताकि नगर निगम का काम सुचारू रूप से चलता रहे। यह बड़े ही शर्म की बात है कि ऐसे कोरोना योद्धाओं को भाजपा शासित नगर निगम पिछले कई महीनों से वेतन नहीं दे रहा है। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद एक डाटा आपरेटर ने कहा कि हम केवल अपने हक की कमाई, अपने वेतन की मांग कर रहे हैं। हमारे घर में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है, रोटी खाने तक के लाले पड़ गए हैं, बच्चों के स्कूल की फीस देने के लिए हमारे पास पैसा नहीं हैं, स्कूल से बार-बार फीस भरने के लिए मैसेज आ रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार /प्रतीक-hindusthansamachar.in

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