आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए तिमारपुर में 25 दिनों से चल रही 'बस्ती की पाठशाला'

आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए तिमारपुर में 25 दिनों से चल रही 'बस्ती की पाठशाला'
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए तिमारपुर में 25 दिनों से चल रही 'बस्ती की पाठशाला'

नई दिल्ली, 28 सितम्बर (हि.स.)। कोरोना वायरस के कारण छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और बहुत सारे छात्रों के पास आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते ऑनलाइन पढ़ने की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ तथा स्टूडेंट्स फ़ॉर सेवा के माध्यम विश्वविद्यालय के छात्र दिल्ली में कुल 18 जगहों पर जाकर लगभग 450 छात्रों को पढ़ा रहे हैं। ऐसी ही एक पाठशाला विश्वविद्यालय के निकट स्थित तिमारपुर बस्ती में चल रही है, जहां पर विश्वविद्यालय से संबद्ध लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्राएं नियमित रूप से जाकर वहां पर बस्ती के गरीब छात्रों को पढ़ा रही हैं। बस्ती की पाठशाला में स्कूली बच्चों को गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी जैसे विषयों को पढ़ाया जाता है। तिमारपुर की 'बस्ती की पाठशाला' में लगभग 50 स्कूली छात्र पढ़ रहे हैं। तिमारपुर 'बस्ती की पाठशाला' की संयोजक मानसी राणा ने सोमवार को बताया कि हम लगभग बीते 25 दिनों से लगातार इन छात्रों को पढ़ा रहे हैं। हमारी यह कोशिश है कि लॉकडाउन के कारण इन छात्रों की पढ़ाई का जो भी नुकसान हुआ है, उसे हम छात्र मिलकर उस नुकसान को कम कर सकें। बस्ती की पाठशाला में हम लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं तथा एक-दूसरे की सुरक्षा का भी ध्यान रख रहे हैं। विश्वविद्यालय से कई वालंटियर्स बस्ती की पाठशाला में पढ़ाकर इस प्रयास को सफल बनाने में जुटे हैं। तीमारपुर में स्कूली छात्रों को पढ़ाने के लिए लक्ष्मीबाई कॉलेज की मानसी राणा साक्षी, काजोल, वैष्णवी, इशिका, महिमा, मंजू आदि छात्राएं नियमित रूप से वालंटियर्स के रूप में कार्य कर रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/प्रभात मिश्रा-hindusthansamachar.in

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