आरएसएस के छह वार्षिक उत्सवों में एक है रक्षाबंधन, स्वयंसेवक भगवा ध्वज को बांधेंगे रक्षा सूत्र
आरएसएस के छह वार्षिक उत्सवों में एक है रक्षाबंधन, स्वयंसेवक भगवा ध्वज को बांधेंगे रक्षा सूत्र

आरएसएस के छह वार्षिक उत्सवों में एक है रक्षाबंधन, स्वयंसेवक भगवा ध्वज को बांधेंगे रक्षा सूत्र

नई दिल्ली, 02 अगस्त (हि.स.)। देशभर में कल (सोमवार) रक्षा बंधन का उत्सव मनाया जाएगा। बहनें अपने भाइयों की कलाईयों पर रक्षा सूत्र बांधेगी, उनका तिलक करेंगी, मुंह मीठा करेंगी और उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी। भाई अपनी बहनों की हर प्रकार से रक्षा करने का प्रण करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता भी देशभर में रक्षा बंधन का उत्सव मनाएंगे। दक्षिणी दिल्ली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला कार्यवाह विनोद शर्मा ने 'हिन्दुस्थान समाचार' को बताया कि पूरे देश में आरएसएस अधिकृत रूप से वर्ष में जिन छह उत्सवों को मनाता है, रक्षा बंधन उनमें से एक है। दूसरे परंपरागत और सांस्कृतिक उत्सवों में मकर सक्रांति, हिंदू साम्राज्य दिवस, वर्ष प्रतिपदा (हिन्दू नव वर्ष), गुरु पूर्णिमा, विजय दशमी राष्ट्रव्यापी स्तर पर हर वर्ष मनाये जाते है। उन्होंने बताया इस दिन हम भगवा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधते हैं और प्रण करते है कि जब तक तन में प्राण है अपनी संस्कृति और इतिहास के प्रतीक भगवा ध्वज के मूल्यों की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के सभी लोग भाई-बहन के इस पर्व को बहनों के अगाध स्नेह, पवित्रता एवं सुरक्षा के प्रतीक के रूप में सहर्ष मनाते हैं। जिस प्रकार इस दिन सभी बहनें अपने भाईयों के हाथों में रक्षा सूत्र के रूप में राखी बांधकर विपत्ति में अपनी सुरक्षा की याद दिलाती हैं, ठीक उसी प्रकार संघ के स्वयंसेवक हिंदू भाईयों की कलाई में राखी बांधकर समाज, देश एवं राष्ट्र की सुरक्षार्थ एकरूपता में बंधकर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला शारीरिक प्रमुख (शाखाओं पर योग, और एक्सरसाइज कराने वाले) सुरेंद्र खान ने बताया कि उत्सव का आयोजन मंडल या नगर अनुसार किया जाएगा। एक स्थान पर ध्वज लगाकर किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता के द्वारा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधा जाएगा। स्वयंसेवकों से आग्रह किया है कि वे बौद्धिक एवं प्रार्थना ऑनलाइन कराने की व्यवस्था करें। प्रत्येक स्वयंसेवक सेवा बस्तीयों में जाकर कम से कम दो लोगों से प्रत्यक्ष मिलकर रक्षा बंधन की बधाई दें और रक्षा सूत्र बांधें। वे उनके स्वास्थ्य, परिवार, आर्थिक स्थिति की पूछताछ करें। गरीब लोगों को कठिनाई की स्थिति में शाखा के स्तर पर सहयोग, परामर्श की यथासम्भव व्यवस्था का प्रयास करने की कसम लें। अपने घरों में काम के लिए आने वाली बहनें, आस पड़ोस में काम करने वाले मजदूर, गार्ड, सफाई कर्मचारी आदि को स्वयं सेवक रक्षा सूत्र बांधेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ रतन सिंह-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in