यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में दीवार तोड़कर 55 लाख चोरी के मामले में दो आरोपित गिरफ्तार

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नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। फर्श बाजार स्थित विश्वास नगर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में दीवार तोड़कर 55 लाख रुपये की सेंध लगाने की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस इस संबंध में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान विश्वास नगर निवासी हरीराम (34) और कालीचरण (39) के रूप में हुई है। दरअसल हरीराम राजमिस्त्री का काम करता है। छह माह पूर्व उसने बैंक के स्ट्रांग रूम में रेनोवेशन का काम किया था। वहां कैश देखकर उसने वहां सेंध लगाने की योजना बना ली थी। पिछले तीन माह से वह वारदात को अंजाम देने के दिन गिन रहा था, लेकिन लॉक डाउन के कारण वह वारदात को अंजाम नहीं दे पा रहा था। मौका लगते ही उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपित के पास से चोरी किए गए 54.48 लाख रुपये बरामद कर लिये हैं। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है। शाहदरा जिले के डीसीपी आर. साथियासुंदरम ने बताया कि सोमवार सुबह विश्वास नगर स्थित बैंक में सेंध लगाने की सूचना मिली थी। बदमाशों ने बैंक के स्ट्रांग रूम की दीवार तोड़कर वहां से 55 लाख रुपये उड़ा लिये थे। वारदात को अंजाम देने के लिए बैंक के बराबर वाले निर्माणाधीन मकान का भी इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने बैंक मैनेजर अभिषेक कुमार झा की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। लोकल पुलिस के अलावा जिले के स्पेशल स्टाफ और एएटीएस को भी लगा दिया गया। संयुक्त आयुक्त समेत तमाम पुलिस अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया था। पुलिस ने बैंक में छह माह के दौरान काम करने वाले सुरक्षा गार्ड और वहां काम करने वाले मजदूरों की जानकारी जुटाई। इसके अलावा आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से पड़ताल की। जांच के दौरान पुलिस को बैंक के पास एक इमारत के सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदली हुई मिली। उसकी दिशा को किसी ने आसमान की ओर किया हुआ था। उस कैमरे की बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि किसी ने पहली मंजिल पर जाकर कैमरे की दिशा को बदला था, लेकिन आरोपित कैमरे में कैद हो गया था। उसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। छानबीन के बाद पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया। जांच में एक व्यक्ति के निर्माणाधीन बिल्डिंग में जाने और कैमरे की दिशा बदलने का पता चला। पुलिस ने उस आरोपित हरीराम से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। उसने बैंक में चोरी करने की बात कबूल कर ली। हरीराम की निशानदेही पर पुलिस ने उसके साथ कालीचरण को भी दबोच लिया। इनकी निशानदेही पर चोरी किए गए 54.48 लाख रुपये व वारदात में इस्तेमाल सामान बरामद कर लिया। बाकी कैश इन लोगों ने खर्च कर दिया। हरी राम ने छह माह पूर्व किया था बैंक के स्ट्रांग रूम के रेनोवेशन का काम पुलिस की पूछताछ में आरोपित हरीराम ने बताया कि वह बैंक से चंद कदमों की दूरी पर रहता है। वह राजमिस्त्री का काम करता है। पास की इमारत में वह काम भी करता था। करीब छह माह पूर्व उसे बैंक के स्ट्रांग रूम में रेनोवेशन के लिए बुलाया गया था। वहां उसने काम की तो उसे कैश व बाकी सामान का पता चला। उसने तभी चोरी की योजना बना ली। आरोपी को पता था कि निर्माणाधीन मकान की दीवार काटकर बैंक के स्ट्रांग रूम में पहुंचा जा सकता है। योजना बनाने के बाद वह लगातार चोरी के प्रयास करता रहा। तीन माह से वह एक-एक दिन गिन रहा था। लॉक डाउन खुलते ही उसने दीवार काटने के औजारों का इंतजाम किया। इससे पूर्व आरोपित ने निर्माणाधीन बिल्डिंग का ताला भी बदल दिया था। वारदात को अंजाम देने से पूर्व सीसीटीवी कैमरे की दिशान को भी बदला गया। घटना वाले दिन रविवार को वह दिन में अपने साथी के साथ वहां पहुंचा। ताला खोलकर निर्माणाधीन मकान के अंदर जाकर उसने पत्थर काटने वाली मशीन से दीवार काटी और बैंक के सर्वर रूम में दाखिल हो गया। इसके बाद स्ट्रांग रूम की दीवार काटकर वहां रखे रुपयों को निकाल लिया गया। इस काम में छह से सात घंटे लगे। वारदात के बाद वह फरार हो गया। जिसने दिया वारदात को अंजाम बैंक ने उसी को बाद में मरम्मत के लिए बुलाया कमाल की बात देखिये जिस बदमाश ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया, बैंक ने वारदात के बाद उसी को टूटी हुई दीवार की मरम्मत के लिए बुला लिया। हरी राम ने अपनी ही काटी हुई दीवार को मरम्मत की। इसके बाद वह वापस लौट गया। पुलिस ने जांच की तो उस पर शक हुआ। देर रात को उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया। बाद में जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उससे पूछताछ कर पता लगा रही है कि वारदात में और कौन-कौन शामिल है। हरी राम को जुआ खेलने की लत, उसी के लिए लगाई बैंक में सेंध छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपित हरी राम को जुआ खेलने की लत है। वह अपनी इसी लत को पूरा करने के लिए बैंक में चोरी करना चाहता था। दूसरा आरोपित कालीचरण का अपना कारोबार है। उसे जुआ खेलने व सट्टा लगवाने की लत है। कालीचरण का कहना है कि हरी राम को उसके 10 लाख रुपये देना था, जो हरी जुए में हारा हुआ था। इसलिए उसने उसका साथ दिया। हालांकि पुलिस यकीन करने के लिए तैयार नहीं कि जुआ खेलने के लिए इतनी बड़ी सेंध लगाए जा सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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