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तीसरी लहर के सम्भावित खतरे को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने तेज की तैयारियां

नई दिल्ली, 28 मई (हि. स.)। राष्ट्रीय राजधानी में कारोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान रिसोर्सेज की कमी को देखते हुए पुलिस अभी से ही दिल्ली में संभावित कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारी में जुट गई है। पहले द्वारका पुलिस ने युवा स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम की शुरुआत की, अब इसी क्रम में उत्तर पश्चिमी जिला पुलिस ने 'युवा योजना' के नाम से एक काय्रक्रर्म की शुरूआत की है। उत्तर पश्चिमी जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के समय में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योगदान करने के लिए संसाधन और प्रतिभा उत्पन्न करने के उद्देश्य से जरूरतमंद युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरूआत की है। कार्यक्रम को पूरा करने के लिए विभिन्न अस्पतालों और कंपनियों के साथ समन्वय किया है। इसका उद्देश्य युवाओं को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मुख्यधारा में लाना है और साथ ही लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान और नौकरियों के नुकसान से हुई हानि में कुछ लाभ पहुंचाना है। इससे वह अपराध से भी दूर रहेंगे। यहां के लोगों को दिया जायेगा प्रशिक्षण डीसीपी के अनुसार, मुख्य रूप से झुग्गी समूहों, पुनर्वास कॉलोनियों, बस्तियों और स्कूल छोड़ने वाले बेरोजगार युवाओं को सबसे पहले इसमें शामिल किया गया है, जिन्हें प्राथमिक नर्सिंग, घरेलू देखभाल, प्राथमिक चिकित्सा तकनीक, सीपीआर, हैंडलिंग और उपयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। शुरूआती चरण उत्तर पश्चिमी जिले ने पांच कंपनियों बीओ इंटरनेशनल, भारत फार्मा, एटलस केमिकल्स, वर्ल्ड रेमेडीज एंड बायोटेक वेस्ट सॉल्यूशंस के साथ समन्वय किया है। ये कंपनियां, सैनिटाइजर, दवा उत्पादों, दवाओं, सर्जिकल उत्पादों और जैव-अपशिष्ट के निर्माण और आपूर्ति में बड़े पैमाने पर सौदे करती हैं। प्रशिक्षण के बाद मिलेंगे रुपये डीसीपी के अनुसार, नामांकित उम्मीदवारों को एक सप्ताह से 15 दिनों तक का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उनमें से अधिकांश रुपये का साप्ताहिक वजीफा भी प्रदान करेंगे। 1200 से लेकर 1500 रुपये प्रत्येक उम्मीदवार को दिया जायेगा। कौशल प्रशिक्षण का पहला बैच 25.5.2021 जैव-अपशिष्ट के पुनर्चक्रण से संबंधित जैव-अपशिष्ट समाधानों ने एक सप्ताह के पाठ्यक्रम के लिए पांच उम्मीदवारों को जैव-अपशिष्ट निपटान, पुनर्चक्रण, संग्रह और हैंडलिंग के दौरान एहतियाती उपायों के क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए नामांकित किया है। एटलस केमिकल्स, भारत फार्मा और वर्ल्ड रेमेडीज ने लॉजिस्टिक प्रबंधन, स्टॉक कीपिंग और पैकेजिंग फार्मास्युटिकल और सर्जिकल उत्पादों के क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक में 20 उम्मीदवारों का नामांकन किया है। उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे। स्वास्थ्य कर्मियों की भी बनेगी एक चेन डीसीपी के अनुसार, इसके अलावा कोविड-19 महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों की चेन बनाई जायेगी। इसके लिए उत्तर-पश्चिम जिला ने छह अस्पतालों और नर्सिंग होमों के साथ समन्वय किया है। इनमें एमडी सिटी अस्पताल, हंस अस्पताल, न्यूलाइफ अस्पताल, ग्लोबल बंसल अस्पताल है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में युवाओं के कौशल प्रशिक्षण देंगे, ताकि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य कर्मी तैयार हो और लोगों की मदद कर सकें। डीसीपी के अनुसार, उपरोक्त कंपनियों व अस्पतालों के सहयोग से उत्तर-पश्चिम जिले द्वारा कुल 157 उम्मीदवारों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उपयुक्त उम्मीदवारों के लिए उनके प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के दौरान उनके प्रदर्शन के आधार पर उचित प्लेसमेंट भी सुनिश्चित किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार

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