screwed-by-god-for-being-forced-to-live-a-stray-life-arrested
screwed-by-god-for-being-forced-to-live-a-stray-life-arrested

आवारागर्द जिंदगी जीने पर मजबूर होने पर भगवान से लिया पंगा, गिरफ्तार

नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद आवारागर्द जिंदगी जीने पर मजबूर होने वाले एक युवक ने भगवान से ही पंगा ले लिया। उसने भगवान से नाराजगी दिखाने के लिए एक मंदिर परिसर में पथराव कर दिया और मूर्ति को तोड़ दिया। शिकायत मिलने के बाद पंजाबी बाग थाना पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से आरोपित को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ कर रही है। पश्चिमी जिले के एडिशनल डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि वैष्णो माता मंदिर पंजाबी बाग के पश्चिमपुरी इलाके में स्थित है। मंदिर के पुजारी रंजीत पाठक ने शनिवार सुबह करीब पौने नौ बजे पुलिस को फोन कर मंदिर में पथराव और मूर्ति तोड़े जाने की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को पुजारी ने बताया कि देर रात वह मंदिर से घर गया था। सुबह करीब साढ़े पांच बजे मंदिर वापस आने पर उसने भगवान शिव और अन्य देवताओं की मूर्ति को खुले में रखा हुआ देखा और मंदिर परिसर के चारों तरफ पत्थर ही पत्थर पड़े थे। पुलिस ने मंदिर और आस पास लगे सीसीटीवी को खंगाला। जिसमें एक युवक मंदिर परिसर में पथराव करता हुआ दिखाई दिया। उस युवक के पहनावे के जरिए इलाके में पहचान करने में पुलिस जुट गई। कुछ ही देर में उसी कपड़े में युवक दिख गया, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि युवक की पहचान विक्की (28) के रूप में हुई है। युवक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और उसने बताया कि वह भगवान से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया है। विक्की ने बताया कि लॉकडाउन से पहले उसके पिता शंभू रघुवीर नगर में कबाड़ी का काम करते थे। वह पिता के काम में हाथ बंटाता था। लॉकडाउन होने पर उसके पिता दुकान बंद कर मोतीहारी बिहार स्थित गांव चले गये। उसके बाद उसके पास न रहने का ठिकाना न कोई काम था और न ही कमाई का जरिया। वह आवारागर्द की तरह इधर उधर घूमता रहता था। अपनी ऐसी स्थिति के लिए वह भगवान को जिम्मेदार मान रहा था और मन में उनके लिए गुस्सा था। गुस्से में वह भगवान से बदला लेने के लिए शुक्रवार देर रात साढ़े बारह बजे वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर मामले की छानबीन में जुटी है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in