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उत्तर-पूर्वी दंगों को हुए एक साल, अबतक 1800 से अधिक गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 फरवरी (हि.स.)। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को करीब एक साल हो गया है। बीता वर्ष काफी दर्दनाक रहा। दंगे में जान-माल का इतना नुकसान हुआ कि उसकी भरपाई शायद ही हो पाए। पिछले वर्ष नगरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन किया गया। इसी दौरान 24 व 25 फरवरी को हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई जबकि 581 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के अनुसार इन दंगों को लेकर कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें से 400 मामलों में पुलिस द्वारा 1818 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था और अधिकांश मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है। पुलिस ने दंगों के इन मामलों की निष्पक्षता के साथ जांच की है। पुलिस द्वारा दर्ज 755 मामलों में से 60 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है। इसके लिए क्राइम ब्रांच में तीन एसआईटी गठित हैं। इसके अलावा पूरी साजिश को लेकर स्पेशल सेल ने यूएपीए एक्ट के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें उन लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जो दंगों के पीछे थे। तकनीक के सहारे हुई साइंटिफिक जांच पुलिस के अनुसार, दंगों में दर्ज सभी मामलों की निष्पक्ष जांच की जा रही है। निष्पक्ष जांच के लिए ही पुलिस ने ज्यादा तकनीक का सहारा लिया, क्योंकि इसके साक्ष्य कभी गलत नहीं होते। वीडियो एनलेटिक के जरिए सीसीटीवी फुटेज में मौजूद आरोपितों की पहचान की गई। ई-वाहन व पुलिस के पास मौजूद डाटाबेस से आरोपितों की पहचान की गई। फेसिअल रिकॉग्निजेशन सिस्टम का भी इस्तेमाल किया गया। इनकी मदद से 231 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है। इनके अलावा एफएसएल की भी मदद महत्वपूर्ण साइंटिफिक साक्ष्य के लिए ली गई है। इसके साथ ही मोबाइल से जो डेटा डिलीट किए गए, उन्हें हासिल किया गया। लोकेशन के जरिये भी आरोपितों की पहचान की गई। डीएनए, फिंगरप्रिंट और फेसिअल रिकंस्ट्रक्शन का भी इस्तेमाल किया गया। कुछ ऐसे शुरू हुआ दंगों का बवाल - दिसंबर 2019- दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सीएए के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए। - जनवरी 2020- वजीराबाद रोड चांद बाग एवं जाफराबाद मुख्य सड़क पर सीएए विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए। - 22 फरवरी 2020- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास एक हजार से ज्यादा लोग इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे। - 23 फरवरी 2020- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई। शाम को दूसरे समुदाय के लोग भी आ गए। दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ, जिसे शांत कराया गया। 24 फरवरी 2020 को कुछ ऐसा हुआ - सुबह 11 बजे- शाहदरा जिला डीसीपी अमित शर्मा पुलिस बल के साथ चांद बाग के समीप चल रहे प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। - दोपहर 1 बजे- भीड़ ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें डीसीपी अमित शर्मा, उनका ऑपरेटर हवलदार रतनलाल और एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार गंभीर रूप से घायल हुए। - दोपहर 2 बजे- अस्पताल में डॉक्टरों ने हवलदार रतनलाल को मृत घोषित कर दिया। - दोपहर 2.30 बजे सप्तऋषि बिल्डिंग में गोली चलाई गई, जिससे शाहिद नामक युवक की मौत हो गई। - दोपहर 3 बजे- चांद बाग स्थित निगम पार्षद ताहिर हुसैन के मकान से हिंसा की गई। - शाम 4 बजे- दयालपुर इलाके में दंगे के दौरान शाहरुख ने हवाई फायरिंग के साथ पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानी। - शाम 4 बजे- अनिल स्वीट्स में जाकर उपद्रवियों ने वहां के कर्मचारी दिलबर नेगी की हत्या कर दी और दुकान को आग के हवाले कर दिया। - रात 8.30 बजे- गोकुलपुरी स्थित टायर मार्केट में लोगों ने आग लगा दी। 25 फरवरी, 2020 को भी मचा बवाल - सुबह 11 बजे- मौजपुर चौक पर दो गुट आपस में भिड़ गए, जिसमें विनोद नामक शख्स की मौत हो गई। - दोपहर 1.30 बजे- अम्बेडकर कॉलेज के पास बनी डिस्पेंसरी के समीप हुए दंगे। यहां रिक्शा चालक 32 वर्षीय दीपक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहीं कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। - 4.30 बजे कर्दमपुरू पुलिया के पास दंगे हुए जिसमें मोहम्मद फुरकान सहित चार लोगों को गोली लगी। इसमें फुरकान की मौत हो गई थी। - शाम 5 बजे- आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा घर से निकलकर गली में पहुंचे, जहां से कुछ लोग उनको खींचकर ले गए और पीट-पीटकर हत्या कर दी। - 26 फरवरी 2020- गोकलपुरी नाले से पुलिस को चार शव मिले, जिनकी दंगों के दौरान हत्या की गई थी। इन थानों में दर्ज हुए दंगे के केस न्यू उस्मानपुर 24 शास्त्री नगर 10 गोकुलपुरी 118 दयालपुर 76 ज्योति नगर 35 खजूरी खास 153 करावल नगर 91 सोनिया विहार 5 भजनपुरा 137 वेलकम 26 जाफराबाद 79 हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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