नई शिक्षा नीति के बाद विद्यार्थी नए भारत के निर्माण में निभाएंगे महती भूमिका : अतुल कोठारी
नई शिक्षा नीति के बाद विद्यार्थी नए भारत के निर्माण में निभाएंगे महती भूमिका : अतुल कोठारी

नई शिक्षा नीति के बाद विद्यार्थी नए भारत के निर्माण में निभाएंगे महती भूमिका : अतुल कोठारी

नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति का स्वागत किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि देश के विद्यार्थियों में इस नीति के लागू होने से अन्तरराष्ट्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने का साहस पैदा होगा। कोठारी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय किये जाने का भी स्वागत किया और कहा कि अब यह मंत्रालय शिक्षा को मूल्यपरक बनाने में महती भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के बाद विद्यार्थी नए भारत के निर्माण में महती भूमिका निभाएंगे। न्यास के राष्ट्रीय सचिव कोठारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के जरिये दो करोड़ बच्चों को मुख्य धारा में लाया जाएगा। सेकेण्डरी तक की शिक्षा सबको देने तथा 2030 तक 100 प्रतिशत जीईआर का लक्ष्य रखा गया है। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउण्डेशन की स्थापना की जाएगी। सरकारी और निजी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक समान मानदंड तय किए जाएंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के अलग-अलग स्तरों पर सभी विषयों में भारतीय ज्ञान परंपरा, कला, संस्कृति एवं मूल्यों का समावेश की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए विद्यालयों के निर्माण को बढ़ावा देने की दृष्टी से विद्यालय की न्यूनतम आवश्यकताओं को कम प्रतिबंधात्मक बनाने का प्रस्ताव है। छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष 'जेंडर समावेशी कोष' बनाया जाएगा। स्वतंत्रता पश्चात पहली बार ऐसा हुआ है कि सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु ‘विशेष शिक्षा क्षेत्र’ की संकल्पना रखी गयी है। इससे विशेष शिक्षा क्षेत्रों में भारतीय भाषाओं में शिक्षण देने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा। वर्ष 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत विद्यार्थी, विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन दोनों स्तरों पर, व्यावसायिक शिक्षा का ज्ञान अर्जित करेंगे। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर से ही व्यावसायिक शिक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के पाठ्यक्रम में राज्य स्तर एवं स्थानीय समुदाय के महत्वपूर्ण व्यवसायिक कला, हस्तकला आदि का समावेश होगा। कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए विविध व्यावसायिक क्षेत्रों में इंटर्नशिप की व्यवस्था होगी। उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय विविध आईटीआई, पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों, स्थानीय उद्योग आदि के साथ संलग्न हो सहयोग से कार्य क सकेंगे। नई शिक्षा नीति लागू किये जाने पर बधाई देते हुए अतुल कोठारी ने कहा है कि इस नीति के प्रभावशील होने के बाद देश के करोड़ों विद्यार्धियों को नये भारत के निर्माण में भागीदार होने का मौका मिलेगा। इस शिक्षा नीति से चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास होगा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास अपने गठन से ही शिक्षा में बदलाव को लेकर पूरे देश में मुहिम चला रहा था। शिक्षा में बदलाव से राष्ट्रीयता के भाव के साथ ही छात्रों के व्यक्तित्व का समग्र विकास होगा। इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन से भारत के युवा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी भूमिका निभा सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश-hindusthansamachar.in

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