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फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का भांडाफोड़, आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली, 08 फरवीर (हि.स.)। पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाजार स्थित चूड़ी वालान में एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का दूरसंचार विभाग और मध्य जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर भांडाफोड़ किया है। आरोपी सिप सर्वर के जरिये अंतरराष्ट्रीय कॉल करवा रहे थे। कॉल्स बेहद आधुनिक उपकरणों के जरिये हाईस्पीड इंटरनेट से भारतीय सर्वर को बाईपास कर की जा रही थी। पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने दो सर्वर लगाए हुए थे, जिस पर एक ही समय में 5000 हजार कॉल की जा सकती थी। पिछले सवा दो माह के दौरान आरोपितों ने दूरसंचार विभाग को 70 करोड़ से अधिक का चूना लगाया था। मामले में फिलहाल पुलिस ने एक आरोपित इमरान खान (40) को गिरफ्तार कर एक्सचेंज से एक करोड़ से अधिक के उपकरण बरामद किए हैं। मुख्य आरोपित जुल्फिकार अली फरार है। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि आरोपित के चीन की यात्रा के भी प्रमाण मिले हैं। जुल्फिकार की गिरफ्तारी के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि वह चीन क्यों गया। मध्य जिला पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया कि पिछले दिनों डॉट (डीओटी)(दूर संचार विभाग) की टीम ने मध्य जिला पुलिस को फर्जी एक्सचेंज की शिकायत की थी। आईटीएस ऑफिसर अंकित शुक्ला ने बताया कि चावड़ी बाजार इलाके में इस तरह का सेटअप लगाया गया है। सूचना के बाद फौरन स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर ललित कुमार और जिले की साइबर सेल को जांच सौंपी गई। जांच में पता चला कि जुल्फिकार अली नामक शख्स चूड़ी वालान इलाके में 26 नवंबर 2020 से इस एक्सचेंज को अदीबा इंटरप्राइजेज के नाम से चला रहा है। दूर संचार विभाग और पुलिस की टीम वहां पहुंची तो आरोपी जुल्फिकार को इसकी भनक लग गई। वह फरार हो गया। जांच के दौरान पता चला कि जुल्फिकार का रिश्तेदार यूसुफ बिल्डिंग की देखरेख करता है। जुल्फिकार का भांजा इमरान टेलीफोन एक्सचेंज को चला रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपित ने फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने की बात कबूली। ऐसे चल रहा था फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का गोरखधंधा... दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कॉल्स के लिए दूर संचार विभाग के सर्वर के जरिये ही कॉल की जा सकती है। लेकिन आरोपितों ने जुगाड़ के जरिये ऐसा सेटअप लगाया जिनकी मदद से सरकारी सर्वर को बाईपास कर विदेशों से ट्रंककॉल के लिए कॉल करवाई जा सकती थी। आरोपी अपने दो नंबर से सिप सर्वर के जरिये एक समय में 5000 हजार कॉल करवा सकते थे। इन दोनों सिप सर्वर की वजह से हर दिन दूर संचार विभाग को एक करोड़ से अधिक का घाटा हो रहा था। इस तरह आरोपितों ने सवा दो माह के दौरान सरकार को 70 करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया। ऐसे चला फर्जीवाड़े का पता... डीओटी की टीम ने सर्वर के इस्तेमाल और राजस्व का मिलान किया तो उसमें भारी अंतर आया। इसकी तहकीकात की गई तो पता चला कि पुरानी दिल्ली में सरकारी सर्वर को बाईपास कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। आरोपितों के दोनों नंबर से करीब डेढ़-डेढ़ लाख कॉल्स रोजाना हो रही थीं। आरोपित विदेशों की कॉल्स का महज 10 फीसदी ही रकम ले लेते थे। ऐसे में सरकार को इससे बड़ा घाटा और आरोपितों को मोटा मुनाफा हो रहा था। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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