दिल्ली में जलभराव के लिए प्रदेश सरकार के विभाग जिम्मेदार : नगर निगम
दिल्ली में जलभराव के लिए प्रदेश सरकार के विभाग जिम्मेदार : नगर निगम

दिल्ली में जलभराव के लिए प्रदेश सरकार के विभाग जिम्मेदार : नगर निगम

-तीनों निगम अपने-अपने क्षेत्रों मेः लगाएंगे एक-एक लाख पौधे नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने मानसून के दौरान प्रदेश में जगह-जगह जलभराव की स्थिति के लिए दिल्ली सरकार के विभागों को जिम्मेदार ठहराया है। तीनों निगमों के महापौर ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में जलभराव के लिए प्रदेश सरकार के विभाग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने समय पर अपने नालों से गाद निकालने का कार्य नहीं किया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश ने बताया कि मानसून से पहले दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले पीडब्ल्यूडी, डीएसआईआईडीसी और बाढ़ नियंत्रण व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर मानसून की तैयारी को लेकर बैठक हुई थी। बैठक में दिल्ली सरकार के विभागों द्वारा नालों से गाद निकालने के कार्य को लेकर दावा किया गया था। लेकिन बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश में यह दावे झूठे साबित हुए। उन्होंने बताया कि उत्तरी दिल्ली निगम के अंतर्गत आने वाले नालों की लंबाई 166 किलोमीटर है जिनसे 11 हजार मीट्रिक टन गाद निकाली गई है। साथ ही जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए निगम द्वारा 154 अतिरिक्त पंप की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कल वह जलभराव की स्थिती का जायजा लेने के लिए किराड़ी क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे जिसेके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर आमंत्रित किया है। जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अभी तक निगम का बकाया फंड जारी नहीं किया है जिसके संबंध में उन्होंने गत सप्ताह मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात भी की थी। उन्होंने फंड देने का आश्वासन दिया था, हालांकि अभी तक हमें फंड जारी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पहली और दूसरी तिमाही की 1108 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। जिसे दिल्ली सरकार तुरंत जारी करे। इसके साथ ही महापौर ने बताया कि उत्तरी दिल्ली निगम अपने क्षेत्र में पर्यावरण को हर-भरा बनाने के लिए एक लाख पौधे लगाएगी। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की महापौर अनामिका सिंह ने कहा कि दिल्ली की सभी एजेंसियों को एक साथ मिलकर जलभराव की समस्या का समाधान निकालना होगा। उन्होंने कहा कि एसडीएमसी ने मानसून से पूर्व ही अपने सभी 247 नालों के गाद निकालने का कार्य पूर्ण कर लिया था। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा दिल्ली सरकार के कई विभागों के साथ जलभराव की समस्या को लेकर अनेकों बैठकें की गई और उनके द्वारा आश्वासन भी दिया गया कि डीसिल्टिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है, परन्तु दिल्ली में जलभराव ने दिल्ली सरकार के खोखले दावों की पोल खोल दी है। महापौर सिंह ने एसडीएमसी की वित्तिय स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि निगम को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और इस स्थिति से निपटने के लिए सभी संभव राजस्व प्राप्ति के विकल्पों और स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निगम दिल्ली सरकार से वित्तीय सहायता की उम्मीद करने के बजाय स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहा है। महापौर ने बताया कि दक्षिणी निगम ने पहले ही विशाल पौधारोपण अभियान शुरू कर दिया है और अपने चार क्षेत्रों में लगभग 7000 पौधे लगाए हैं। इस वर्ष हम क्षेत्र के पार्षदों, आरडब्ल्यूए बाजार संघों और धार्मिक संगठनों के सहयोग से सभी जोन में एक लाख पौधे लगाएंगे। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर निर्मल जैन ने कहा कि निगम के अंतर्गत आने वाले 223 नालों की सफाई कर 58 हजार मीट्रिक टन गाद को निकाला गया। उन्होंने कहा कि कोरोना की जंग में हम बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। इसके तहत सरकार द्वारा जीटीबी अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में घोषित करने के बाद स्वामी दयानंद अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ गया था। इसको देखते हुए हमने वहां डबल ओपीडी की व्यवस्था भी की है। इसके साथ ही जून तक का वेतन भी कर्मचारियों को जारी कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/ वीरेन्द्र-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in