(संशोधित) बैंक कर्मचारियों को भी मिले कोरोना वॉरियर्स का दर्जा : डीपीबीडब्ल्यूओ
(संशोधित) बैंक कर्मचारियों को भी मिले कोरोना वॉरियर्स का दर्जा : डीपीबीडब्ल्यूओ

(संशोधित) बैंक कर्मचारियों को भी मिले कोरोना वॉरियर्स का दर्जा : डीपीबीडब्ल्यूओ

नोट - तारीख में संशोधन के साथ पुन: जारी नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। देश वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहा है। डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस कर्मचारियों सहित बैंक कर्मचारी भी इन परिस्थितियों में आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए योगदान दे रहे हैं। बैंक आवश्यक व्यक्तियों जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) महिलाओं के खाते, विभिन्न प्रकार के पेंशन भोगी, एमएसएमई को वित्तीय सहायता देने में सरकार की मदद कर रहे हैं, लेकिन इस महामारी में भी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने वाले बैंक कर्मचारीयों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया है। दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (डीपीबीडब्ल्यूओ) ने शुक्रवार को जारी बयान में यह बातें कही। ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस कर्मचारियों को तो कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिया है लेकिन बैंक कर्मचारियों से सरकार सौतेले बच्चों जैसी व्यवहार कर रही है। सरकार कोरोना वॉरियर्स को कोविड-19 के कारण दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए 50 लाख का बीमा कवर और पूर्ण स्वास्थ्य उपचार खर्च सहित प्रोत्साहन और मुआवजा प्रदान करा रही है। नोटबंदी के दौरान भी दिन-रात काम करने के बाद भी किसी प्रकार का प्रोत्साहन बैंक कर्मचारियों को नहीं दिया गया था और तो और बैंक कर्मचारियों का वेतन समझौता जो कि 1 नवम्बर 2017 से लंबित है नहीं मिल पा रहा है। आए दिन बैंक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। अभी तक 1500 से अधिक बैंक कर्मचारी इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और लगभग 50 बैंक कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद भी बैंकों में ना तो अच्छी तरह से सैनिटाइजेशन होता है और न ही कम स्टाफ से काम करने के निर्देशों का पालन हो रहा है। बैंकों में ग्राहकों की भीड़ भी कम नहीं होती। ऑर्गेनाइजेशन ने मांग करते हुए कहा कि बैंक कर्मचारियों को भी कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाए और उनका 50 लाख का बीमा करवाया जाए। संक्रमित होने पर कर्मचारियों के अस्पताल का पूरा खर्च बैंक द्वारा किया जाए। बैकों में रोजाना सैनिटाइजेशन किया जाए और सुरक्षा के सभी उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। दिव्यांग कर्मचारियों, गर्भवती महिलाओं और बड़ी उम्र के बैंक कर्मचारियों को बैंक आने अथवा न आने की पूरी छूट दी जाए। बैंकों में सिर्फ अति आवश्यक कार्य के लिए सरकार एसएलबीसी द्वारा नोटिस निकालें, ताकि बैंक में भीड़ कम हो। बैक कर्मचारियों का वेतन समझौता लागू किया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/ वीरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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