15 घंटे चलकर आईटीबीपी ने घायल मह‍िला की जान बचाई
15 घंटे चलकर आईटीबीपी ने घायल मह‍िला की जान बचाई

15 घंटे चलकर आईटीबीपी ने घायल मह‍िला की जान बचाई

नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने घायल को 40 किलोमीटर कंधों पर उठाकर रेस्क्यू किया, 15 घंटे चलकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया। आईटीबीपी के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि पिथौरागढ़ जिले की अग्रिम चौकी के नजदीक सीमांत गांव लास्पा में एक स्थानीय महिला के पहाड़ से गिरकर घायल हो जाने के बाद आईटीबीपी के जवानों ने करीब 40 किलोमीटर फिसलन, उफनते नालों, भूस्खलन और खतरों से भरे मार्ग पर पैदल चलकर मोटर मार्ग तक पहुंचाया जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 20 अगस्त को स्थानीय महिला अपने घर से कुछ दूरी पर अचानक एक पहाड़ी से नीचे गिर गई जिससे उसका पैर टूट गया। उसकी स्थिति बहुत गंभीर हो गई थी। खराब मौसम होने की वजह से हेलीकॉप्टर देहरादून से बरेली तक ही आ सका, जिसके बाद आईटीबीपी के जवानों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय मिलम से पीड़ित महिला को मुनस्यारी मोटर मार्ग तक पहुंचाने की कोशिशें शुरू की। जवानों ने स्ट्रेचर की मदद से अपने कंधों पर 22 अगस्त को देर रात तक मुंसियारी मोटर मार्ग तक पहुंचाया गया जिसके बाद पीड़ित महिला को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उसकी स्थिति अब स्थिर है। इस अभियान में आईटीबीपी के कुल 25 जवानों ने लगातार पहाड़ी ढलानों और उबड़-खाबड़ रास्तों पर महिला को स्ट्रेचर के सहारे सुरक्षित स्थान सड़क मार्ग तक पहुंचाया। बरसात के कारण वर्तमान में मोटर मार्ग में कई स्थानों पर टूटा हुआ है जिससे वाहन परिचालन योग्य सड़क मार्ग तक पहुंचाने में जवानों को पूरे दिन से ज़्यादा का समय लग गया। पहले यह जवान अपनी चौकी से 22 किलोमीटर दूर पैदल चलकर लसपा गांव पहुंचे और फिर स्ट्रेचर में महिला को उठाकर देर शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुंसियारी लेकर पहुंचे जिसके बाद अब उसका इलाज संभव हो सका है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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