'आप' संसद में खेती ऑर्डिनेंस बिल का करेगी विरोध
'आप' संसद में खेती ऑर्डिनेंस बिल का करेगी विरोध

'आप' संसद में खेती ऑर्डिनेंस बिल का करेगी विरोध

नई दिल्ली, 15 सितम्बर (हि.स.)। आम आदमी पार्टी (आप) ने खेती ऑर्डिनेंस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कल (बुधवार को) आप बिल का संसद में विरोध करेगी। आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने यह बात कही। सांसद भगवंत मान और तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कृषि अध्यादेशों को लेकर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप लगाया। जरनैल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किसानों की जिंदगी मुश्किल करने के लिए जो खेती ऑर्डिनेंस लाया गया है, वो बहुत ही निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि पंजाब में किसानों ने कई बार शिरोमणि अकाली दल को वोट दिया लेकिन जब किसानों के हितों की रक्षा की बात आई तो उनके हक में शिरोमणि दल ने 4 वोट नहीं डाले। सांसद भगवंत मान ने बताया कि कल संसद में खेती ऑर्डिनेंस बिल पेश किया गया। ये बिल एग्रीकल्चर को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में देने के लिए लाया गया है, जिससे गेंहू और धान की एमएसपी खत्म हो जाएगी। उन्होंने बताया कि जीडीपी इस बार -23.9 प्रतिशत गिरी है। सारे सेक्टर में बस खेती सेक्टर ऐसा है जो पॉजिटिव है। उन्होंने आरोप लगाते हुए सवालिया लहजे में कहा कि आप उसे भी बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कैबिनेट में बिल पेश किया गया तो कुर्सी बचाने के लिए केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत बादल द्वारा विरोध नहीं किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भी इस बिल को लाने वाली कमिटी में शामिल थे। अकाली दल-कांग्रेस दोनों किसानों को गुमराह कर रही हैं। कल आम आदमी पार्टी इस बिल का संसद में ज़बरदस्त विरोध करेगी। । मान ने कहा कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि ‘कुर्सी बनाम किसानी' में से एक चुनने की कशमकश में उलझे शिअद के अन्य नेताओं की बेचैनी खुल कर बाहर आ गई है, जो सावर्जनिक तौर पर मान चुके हैं कि कृषि अध्यादेश पंजाब के हितों के खिलाफ है। ऐसी स्थिति में शिअद के बहुत से नेता एक तरफ अपने आका (सुखबीर सिंह बादल) की परिवार परस्ती के समक्ष बेबस हैं, दूसरी तरफ तेजी से खिसकती जा रही बची-खुची राजनीतिक जमीन को देखकर परेशान हैं। मान ने पंजाब से लोकसभा व राज्यसभा के सभी सदस्यों से मानसून सत्र में कृषि अध्यादेशों का एक सुर में विरोध करने की अपील की है। हिन्दुस्थान समाचार /प्रतीक खरे-hindusthansamachar.in

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