
बरुण सखाजी जब कोई व्यवस्था भंग हो रही होती है तो हम उसके कारण खोजने में जुट जाते हैं। लेकिन जब हम उस व्यवस्था को बना रहे होते हैं तब हम इन बातों का ख्याल क्यों नहीं रखते? असल में सवाल सिर्फ वंशवाद के लाभार्थियों पर ही नहीं बल्कि उन क्लिक »-www.ibc24.in