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चंडीगढ़: बजट सत्र संपन्न, 45 घंटे 42 मिनट चली कार्यवाही

-11 बैठकों में 16 विधेयक पास, दो दशक में पहली बार प्रवर समिति को भेजा बिल -362 तारांकित, 204 अतारांकित प्रश्न स्वीकृत -4 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कार्यवाही में शामिल चंडीगढ़, 18 मार्च (हि.स.)। हरियाणा की 14वीं विधानसभा का दूसरा बजट सत्र कई मामलों में ऐतिहासिक रहा। गुरुवार को 9 दिनों में हुईं 11 बैठकों में कुल 45 घंटे 42 मिनट कार्यवाही चली। अरसे बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब सदन की कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं करनी पड़ी। इस दौरान 16 विधेयक प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 14 पारित कर दिए गए। एक बिल प्रवर समिति को भेजा गया। प्रवर समिति को बिल भेजने की घटना दो दशक में पहली बार हुई है। सत्रावधि में कुल 4 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी कार्यवाही का हिस्सा बने। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्तमंत्री की भूमिका निभाते हुए 12 मार्च को बजट प्रस्तुत किया। उनका बजट भाषण 2 घंटे 38 मिनट का रहा। अगले दो दिन का अवकाश होने के कारण विधायकों को इसे तसल्ली से पढ़ा, जिसका परिणाम यह हुआ कि 15 और 16 मार्च की बैठकों में जमकर चर्चा हुई। बजट पर कुल 10 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें 50 विधायकों ने हिस्सा लिया। इन 50 विधायकों में भाजपा के 20, जजपा के 6, कांग्रेस के 18 तथा 6 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। इन दलों को क्रमश: 4 घंटे 48 मिनट, 1 घंटा 5 मिनट, 3 घंटे 14 मिनट तथा एक घंटा 6 मिनट का समय दिया गया। मुख्यमंत्री ने बजट पर एक घंटा 38 मिनट पर इस चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे 10 मार्च की कार्यवाही में शामिल किया गया। प्रस्ताव पर 5 घंटे 55 मिनट पर जोरदार चर्चा हुई। इस पर सत्ताधारी भाजपा के 8 और जजपा 4, हलोपा के एक और 2 निर्दलीय विधायकों ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। उधर, कांग्रेस की ओर से 8 और 2 निर्दलीय विधायकों ने प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात रखी। प्रस्ताव पर चर्चा के लिए भाजपा विधायकों को 2 घंटे 51 मिनट, जजपा को 43 मिनट, कांग्रेस को एक घंटा 44 मिनट, हलोपा को 9 मिनट तथा निर्दलीय विधायकों 35 मिनट का समय दिया गया। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस प्रस्ताव में मत विभाजन भी करवाया, जिसमें 55 विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया जबकि प्रस्ताव के समर्थन में मात्र 32 वोट पड़े। हिन्दुस्थान समाचार/संजीव

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