सहरसा में बाट जोहता उजड़ा घर काव्य संग्रह का हुआ विमोचन
सहरसा में बाट जोहता उजड़ा घर काव्य संग्रह का हुआ विमोचन

सहरसा में बाट जोहता उजड़ा घर काव्य संग्रह का हुआ विमोचन

सहरसा,16 नवम्बर(हि.स.)। चित्रगुप्त फाउंडेशन के तत्वावधान एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयोजन में चित्रगुप्त मंदिर परिसर में सोमवार को साहित्य परिषद के साहित्यकार श्यामानंद लाल दास सहर्ष द्वारा रचित बाट जोहता उजड़ा घर काव्य संग्रह का विमोचन किया गया। अध्यक्ष डॉ जीपी शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अवधेश झा अवध, मुक्तेश्वर सिंह मुकेश, प्रो. अजय कुमार वर्मा, अभिषेक वर्मा, डॉ. सतीश कुमार दास ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मंच संचालन युवा कवि आनंद झा ने किया। विचारों के अभिव्यक्ति के क्रम में काव्य संग्रह के विमोचन में आये अतिथियों में अवध जी ने बताया की ये काव्य विरह के तानाबाना में बुना हुआ है। प्रो. अजय ने बताया की साहित्य समाज का दर्पण है। मुक्तेश्वर जी ने बताया की साहित्य कभी मरता नहीं। वहीं डॉ शर्मा ने बताया की साहित्य दीपक की तरह काम करती है। दूसरे सत्र में चले कवि सम्मेलन में ई रामेश्वर ठाकुर, एम जेड खान झंझट, इसराइल हामी, मुर्तजा नरियारवी, रघुवंश झा, कुमार विक्रमादित्य, दिलीप झा दर्दी, विकास वर्द्धन मिश्र, राजा राम सिंह, ओम प्रकाश मुन्ना, आनंद मुरादपुरी सहित अन्य ने अपनी कविता से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिन्दुस्थान समाचार/अजय-hindusthansamachar.in

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