संतुलित आहार से ही ऊर्जा और शारीरिक क्रियाओं के लिए ताकत मिलती है: डॉ. रीता सिंह
संतुलित आहार से ही ऊर्जा और शारीरिक क्रियाओं के लिए ताकत मिलती है: डॉ. रीता सिंह

संतुलित आहार से ही ऊर्जा और शारीरिक क्रियाओं के लिए ताकत मिलती है: डॉ. रीता सिंह

कटिहार, 21 सितम्बर (हि.स.)। कुपोषण एक बड़ी गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए देश भर में पोषण माह अभियान मनाया जा रहा है। सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के संयुक्त तत्वावधान में महिला कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम सह पोषण जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार में आयोजित द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. रीता सिंह ने रोजाना के आहार में शामिल सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति पर बल देते हुए कहा कि संतुलित आहार से ही ऊर्जा और शारीरिक क्रियाओं के लिए ताकत मिलती है। शरीर मे पोषक तत्वों की कमी को प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा आदि से पूरा किया जा सकता है। डॉ. रीता ने कहा कि महिलाओं में आयरन की कमी के कारण एनीमिया, विटामिन ए की कमी के कारण रतौंधी बीमारी होती है। हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी आदि में आयरन, पपीता, गाजर में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए सब्जियों एवं फलों को पोषण आहार आवश्यक रूप से शामिल करें। आत्मा के परियोजना निदेशक जितेन्द्र कुमार ने भोजन में हरी सब्जियां के सेवन पर बल देते हुए कहा कि संतुलित भोजन, स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र है। उन्होंने पोषण का महत्व, पोषण की कमी से होने वाली समस्याओं, दैनिक आहार में पौष्टिक भोजन ग्रहण करने के उपाय तथा पोषण वाटिका लगाने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण के मुख्य अतिथि बठेली मुखिया तारामणि देवी ने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि पोषण वाटिका में केला, पपीता, अमरूद, नींबू, गाजर, मूली, पालक, गोभी, बैंगन,मेथी, टमाटर, धनिया, मिर्च लगाएं एवं जैविक खाद के लिए पोषण वाटिका के किनारे छोटा केंचुआ खाद की यूनिट लगाएं जिससे परिवार को खाने के लिए ताजे फल और सब्जियां पोषण वाटिका से प्राप्त हो जायेंगी । इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. रमा कान्त सिंह के अलावा स्वीटी कुमारी ने किसानों को पोषण संबंधी जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में 60 महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से सभी महिलाओं को सहजन का पौधा देते हुए उसको लगने की विधि भी बताई गई। हिन्दुस्थान समाचार/विनोद/विभाकर-hindusthansamachar.in

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