रामविलास पासवान के अलौली में लोजपा को सहानुभूति वोट मिलने पर संशय
रामविलास पासवान के अलौली में लोजपा को सहानुभूति वोट मिलने पर संशय

रामविलास पासवान के अलौली में लोजपा को सहानुभूति वोट मिलने पर संशय

खगड़िया, 3 नवम्बर (हि.स.)। खगड़िया जिले के एकमात्र सुरक्षित सीट अलौली (अ.जा.) में रामविलास पासवान के निधन से सहानुभूति वोट की आस लगाए लोजपा की सफलता पर संशय के बादल छाए हुए हैं। इस बार मतदान का प्रतिशत 2015 के चुनाव से कम रहा। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार मतदान के लिए निर्धारित समय चार बजे तक 57.62 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 59.68 रहा था। अपने जीवन काल में स्वर्गीय राम विलास पासवान मतदान के पहले अपने पैतृक प्रखंड अलौली पहुंचकर रूठे लोगों को मनाते थे और लोगों को भी उनके आने का इंतजार रहता था। इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनके निधन के बाद उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस भी अस्वस्थता के कारण अपने गृह क्षेत्र में समय नहीं दे सके। 2015 के चुनाव में उन्हें आरजेडी उम्मीदवार से कड़ी शिकस्त मिली थी। राजद प्रत्याशी को 2015 में 51.57 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि पशुपति कुमार पारस को 33.67 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार सभी प्रमुख दलों ने महादलित समुदाय के लोगों को चुनावी मैदान में उतारा था जिनमें राजद के रामवृक्ष सदा, जदयू से साधना देवी, लोजपा से रामचंद्र सदा तथा जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक से बोढन सदा के नाम प्रमुख हैं। लोगों का कहना है कि बोढन सदा ने जदयू और लोजपा का चुनावी गणित बिगाड़ दिया है। मंगलवार को हुए मतदान के दौरान यह महसूस किया गया कि सभी दलीय उम्मीदवारों ने अपने आधार वोट बैंक वाले क्षेत्र में मतदान के शुरुआत से ही अपनी पैठ बनाए रखा। एनडीए गठबंधन में जीतन राम मांझी को लाने के बाद जदयू यह उम्मीद लगाए बैठी थी कि महादलित समुदाय का अधिकांश वोट जदयू उम्मीदवार के पक्ष में ही जाएगा लेकिन राजद ने महादलित समुदाय से अपने पुराने कार्यकर्ता को मैदान में उतारकर शुरुआती बढ़त बना लिया। लोजपा उम्मीदवार ने अपनी छवि के आधार पर पार्टी की उम्मीदों को कायम रखने में कोर कसर बाकी नहीं रखा लेकिन लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान सहानुभूति वोट की जितनी उम्मीद लगा रखे थे, मतदान के दौरान वह सफल होता नहीं दिखा। हालांकि मतदाताओं की चुप्पी को देखते हुए लोजपा कोई अप्रत्याशित कमाल कर जाए इससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन मतदान के दौरान जो दिखना चाहिए था उसकी कमी सभी को खली। हिन्दुस्थान समाचार/अजिताभ/चंदा-hindusthansamachar.in

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