रघुवंश बाबू का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन
रघुवंश बाबू का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

रघुवंश बाबू का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

प्रखर समाजवादी नेता का पैतृक गाँव के समीप गंगा तट पर पुरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार बिहार सरकार के कई मंत्री, नेता प्रतिपक्ष समेत कई दलों के नेता थे मौजूद पटना/हाजीपुर, 14 सितम्बर (हि.स.) । प्रखर समाजवादी नेता, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर वैशाली स्थित उनके पैतृक गांव के पास गंगा तट पर पंचतत्व में विलीन हो गया। रघुवंश प्रसाद सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए गणतंत्र की जन्मस्थली वैशाली के शाहपुर गाँव में जनसैलाब उमड़ पड़ा था। पटना से बिहार सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री नीरज कुमार, मंत्री जय कुमार सिंह, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद विधायक भोला यादव, एमएलसी सुनील कुमार सिंह सहित राजद के कई नेताओं ने वैशाली में रघुवंश बाबू को अंतिम विदाई दी। उनका अंतिम संस्कार उनके गाँव से 15 किलोमीटर दूर गंगा नदी के तट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। रघुवंश प्रसाद सिंह के छोटे बेटे शशिशेखर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। राजनीतिक जगत में 'रघुवंश बाबू' के नाम से मशहूर समाजवादी नेता , राजद के कद्दावर नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने रविवार की सुबह दिल्ली एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। वह 74 साल के थे। रघुवंश के निधन की खबर मिलते ही राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। कल शाम उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से विमान द्वारा पटना लाया गया था। पटना एयरपोर्ट पर भी रघुवंश बाबू को श्रद्धांजलि देने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित हजारों की तादाद में राजद और अन्य पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे हुए थे। पटना एयरपोर्ट से रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर बिहार विधानसभा परिसर लाया गया था, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बिहार विधानसभा के बाद उनका पार्थिव शरीर पटना के कौटिल्य नगर स्थित उनके आवास पर ले जा गया। वहां से सोमवार को दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा, जहां उनके अंतिम दशर्न के लिए हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। कोरोना से जीती थी जंग रघुवंश प्रसाद सिंह ने पिछले महीने कोरोना को मात दी थी। हालांकि कोराना से जंग जीतने के बाद उनके फेफड़े में संक्रमण की शिकायत थी। दो दिन पहले उनको दिल्ली एम्स अस्पताल में वेन्टीलेटर पर रखा गया था। शुक्रवार तक उनकी तबीयत स्थिर बताई गई थी, लेकिन रविवार की सुबह उनका निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती किया गया था। वहां से ठीक होकर वह घर लौट गए थे, लेकिन उनकी खांसी ठीक नहीं हो रही थी। सांस लेने में भी परेशानी थी। लिहाजा उन्हें बेहतर इलाज के लिए 4 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था। गुरुवार को राजद से इस्तीफा दिया था बता दें कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के लंबे समय तक मित्र और सहयोगी रहे सिंह ने बीते गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और इस तरह की अटकलें थीं कि वह अक्टूबर-नवंबर में संभावित राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सत्तारूढ़ जद(यू) में शामिल हो सकते थे। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन/विभाकर-hindusthansamachar.in

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