मोतिहारी में एनडीआरएफ के रेस्क्यू बोट पर महिला ने दिया बच्ची को जन्म
मोतिहारी में एनडीआरएफ के रेस्क्यू बोट पर महिला ने दिया बच्ची को जन्म

मोतिहारी में एनडीआरएफ के रेस्क्यू बोट पर महिला ने दिया बच्ची को जन्म

बिहटा,26 जुलाई(हि.स.)। बिहार के पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी) जिले में बाढ़ राहत एवं बचाव ऑपेरशन में जुटी 9 वीं बटालियन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), बिहटा(पटना) टीम के रेस्क्यू बोट पर रविवार को गर्भवती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। बताया जाता है कि महिला उक्त जिले के बंजारिया प्रखंड के गोबरी गांव के निवासी मुनी लाल महतो की 25 वर्षीय पत्नी रीमा देवी है जो अपने गांव में बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ के पानी से घिरी थी व प्रसव वेदना से कराह रही थी। उनके परिवार के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि संकट की इस घड़ी में जल्द से जल्द नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया कैसे उन्हें पहुंचाया जाये। इसकी सूचना उस गांव के नजदीक ऑपेरशन में जुटे 9 वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमाण्डर सहायक उप निरीक्षक जितेन्द्र कुमार को मिली। उन्होंने अपने प्रभारी अधिकारी अरविन्द मिश्रा को सूचना दी तथा उनके निर्देश पर बटालियन के बचावकर्मी त्वरित कार्यवाही करते हुए तुरन्त प्रसव पीड़ित महिला के घर के नजदीक रेस्क्यू बोट से पहुंचे।फिर एनडीआरएफ के कार्मिक प्रसव पीड़ित महिला रीमा देवी को उनके परिजनों एवं एक 'आशा' सेविका को लेकर रेस्क्यू बोट से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया सुरक्षित पहुंचाने में जुट गये। बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ के मंजधार में गर्भवती महिला की प्रसव वेदना और बढ़ गयी। महिला की गम्भीर हालत एवं उसकी जान जोखिम में पड़ा देखते हुए एनडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू बोट पर ही प्रसव कराने का फैसला लिया। आखिर में एनडीआरएफ के बचावकर्मी, 'आशा' सेविका तथा उनके परिवार की महिलाओं के सहयोग से सफल एवं सुरक्षित प्रसव करा लिया गया। इस प्रकार बाढ़ के बीच मंजधार में एक नन्हीं बच्ची की किलकारी गूंज उठी। फिर महिला और नवजात शिशु को भोला चौक रोड के नजदीक सुरक्षित लाकर सरकारी एम्बुलेन्स की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया में भर्ती करवा दिया गया। महिला और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ्य हैं। कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बाढ़ प्रभवित इलाकों से सुरक्षित निकालने के क्रम में वर्ष 2013 से 9 वीं बटालियन एनडीआरएफ के रेस्क्यू बोट पर यह दसवें शिशु के जन्म की घटना है, जिनमें एक जुड़वे बच्चे का जन्म भी शामिल है। भगवान का शुक्र है कि अबतक सभी गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है। उन्होंने बताया कि हमारे बचावकर्मियों का उद्देश्य मुसीबत में फंसी गर्भवती महिला को जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से नजदीकी अस्पताल पहुंचाने का होता है।बटालियन के बचावकर्मी आपदा रेस्पांस की अन्य तकनीकों के साथ-साथ प्रथम चिकित्सा उपचारक में प्रशिक्षित होते हैं। उन्हें सुरक्षित प्रसव कराने के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाता है ताकि आपदा में जरूरतमंद को हर संभव मदद किया जा सके। कमान्डेंट सिन्हा ने बताया कि बिहार में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए वर्तमान में एनडीआरएफ की 21 टीमें राज्य के 12 अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। मोतिहारी जिला में अरविन्द मिश्रा, सहायक कमान्डेंट के नेतृत्व में 3 टीमें तैनात हैं। अबतक एनडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, सुपौल, दरभंगा, सारण, पूर्वी चम्पारण तथा पश्चिम चम्पारण जिलों में बाढ़-बचाव ऑपेरशन करके 5,300 से अधिक लोगों को जलमग्न गांवों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। हिन्दुस्थान समाचार/किशोर/हिमांशु शेखर/विभाकर-hindusthansamachar.in

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