मुज़फ़्फ़रपुर में रातभर जागकर बाढ़ पीड़ित कर  रहे परिवार की सुरक्षा
मुज़फ़्फ़रपुर में रातभर जागकर बाढ़ पीड़ित कर रहे परिवार की सुरक्षा

मुज़फ़्फ़रपुर में रातभर जागकर बाढ़ पीड़ित कर रहे परिवार की सुरक्षा

मुज़फ़्फ़रपुर,05 अगस्त (हि.स.) । मुजफ्फरपुर ज़िले में लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ने से जिले के औराई,कटरा,गायघाट, सकरा, मुरौल,साहेबगंज, पारू,सरैया, कुढ़नी,कांटी, मोतीपुर और मीनापुर प्रखण्ड क्षेत्र में अच्छी खासी आबादी प्रभावित हुई है । कही लोग ऊँचे स्थानों पर अपना आशियाना बनाये हुए हैंं तो कहींं सड़कों पर ।कुल मिलाकर यूंं कहेंं कि जिले के लोग अभी जद्दोजहद भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैंं । दिन -रात प्रतिदिन नए -नए क्षेत्र में पानी फैल रहा है । जिले के सकरा और मुरौल प्रखण्ड क्षेत्र में हाल ही के दिनों में तिरहुत नहर का बाँध टूटने से आई आफत ने आमजन के साथ -साथ मवेशियों और जंगली जानवरों के लिए भी नई मुसीबत खड़ी कर दी है । आम लोगों ने तो सपरिवार और अपने मवेशियों को लेकर एनएच-28 पर अपना आशियाना बना लिया है लेकिन जंगली जानवरों जैसे हिरण और छोटे- बड़े जानवर पानी में तैरकर अपना स्थान सुरक्षित करने में लगे हैंं । सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारे की है। जहां तक नजर जाएगी पूरा इलाका जलमग्न है और पानी भी इतना है कि जानलेवा साबित हो रहा है ।लोग करें तो क्या करें । बाढ़ पीड़ितों में से राजेश शर्मा,राकेश सहनी, किशुन कुमार,रामप्रीत सिंह ने बताया कि पानी आने के बाद किसी तरह जितना हो सका अपनी जरूरतों की चीज़ बाहर निकाल कर सड़क पर शरण लिए हुए हैंं। जैसे तैसे खाना पीना चल रहा है लेकिन सप्ताह दिनों के बाद आदमी और जानवरों के बीच भुखमरी की स्थिति आ जायेगी । अब प्रशासन के स्तर से मदद मिले या फिर कोई संस्थान या पार्टी की तरफ से लेकिन अबतक कोई देखने तक नहींं आया । मुख्य सड़क पर परिवार के साथ रहने में भी काफी डर लगता है ।सुरक्षा व्यवस्था नदारद है । घर के एक सदस्य रातभर जगते हैंं तो बाकी सभी सोते हैंं । लेकिन भगवान दिन में धूप इतनी कर देते हैंं कि जो रात को जगता भी है उसकी नींद नहींं पूरी होती है । प्लास्टिक के बने तंबू में काफी गर्मी लगती है जिससे सपरिवार परेशान हो जाता है । हिंदुस्थान समाचार/मनोज/विभाकर-hindusthansamachar.in

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