मुसीबत में जनता को छोड़ हर बार गुमशुदा हुई नीतीश सरकार : अनिल कुमार
16 अगस्त को जनतांत्रिक विकास पार्टी करेगी डिजिटल बिहार नवनिर्माण रैली पटना, 10 अगस्त (हि.स.)। जनता द्वारा चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री व मंत्री संविधान सम्मत शपथ ग्रहण के दौरान प्रदेश की जनता की रक्षा का शपथ लेते हैं, मगर बिहार में इन्हीं लोगों ने शपथ की गरिमा को तार-तार कर दिया। खुद नीतीश कुमार गुमशुदा नजर आये। वे बिहार के गुमशुदा मुख्यमंत्री हैं। कोरोना संकट में उनकी गुमशुदगी ताजा उदाहरण है। उक्त बातें सोमवार को जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस कर कही। साथ ही उन्होंने गुमशुदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 साल के कार्यकलापों का पोल खोलने के लिए आगामी 16 अगस्त को ‘बिहार नवनिर्माण रैली’ के नाम से डिजिटल रैली करने का भी एलान किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना में देश में अचानक लॉकडाउन हुआ, जिसमें दूसरे प्रदेशों में फंसे बिहार के 40 लाख से अधिक श्रमिक फंस गए। उस वक्त उनके पास रहने-खाने का भी संकट हो गया था। तब गुमशुदा मुख्यमंत्री अपने ही लोगों को लाने को तैयार नहीं थे और जब हम लोगों ने सरकार पर दवाब बनाया, तो उनकी वापसी तो हुई। लेकिन इस सरकार ने अपने ही श्रमिक भाइयों को प्रवासी बता दिया। हद तो तब हो गई, जब इनकी पुलिस ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि इन मजदूर भाइयों को वजह से क्राइम बढ़ेगी। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in