मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित की समीक्षा बैठक

· प न पटना,8 सितम्बर(हि स)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यों से संबंधित जानकारी दी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों यथा सार्वजनिक जल संचयन को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराना, सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार कराना, सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कराना, सार्वजनिक कुओं एवं चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों/ नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन के संरचना का निर्माण, नए जल स्त्रोतों का सृजन, गंगा जल उद्वह योजना, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना, पौधशाला एवं सघन वृक्षारोपण, वैकल्पिक फसल, टपकन सिंचाई एवं नई तकनीकों का उपयोग, सौर ऊर्जा का उपयोग एवं ऊर्जा की बचत के लिए प्रोत्साहन के संबंध में अद्यतन प्रगति एवं जिलावार प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के अंतर्गत आहर, पईन, तालाब, पोखर का अलग-अलग आकलन कर ब्योरा रखें। उत्तरी बिहार में चिन्हित आहर, पईन का प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर आकलन करें और उसके आधार पर सिंचाई कार्य की योजना पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि चिन्हित सभी कुओं का जीर्णोद्धार कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें। चिन्हित चापाकल हर हालत में फंक्शनल रहे, चापाकल का मेंटेनेंश सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग निरंतर निगरानी रखें। हर घर नल का जल योजना के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, चापाकल एवं कुओं की उपलब्धता से भी इस कार्य में और सहुलियत होगी, लोग उपलब्ध पेयजल का दुरुपयोग न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में पंच पर्वत के किनारे जल संचयन हेतु बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है। उसी मॉडल के आधार पर पहाड़ों के किनारे-किनारे तलहट्टी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को तलाशें। सौर ऊर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन तथा ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करते रहें। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और इससे पैसे की भी बचत होगी। सभी स्ट्रीट लाइट को जलाने के लिए सौर ऊर्जा का ही उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे लोगों के पुनर्वास हेतु जमीन खरीदने के लिए 60 हजार और मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना पर तेजी से कार्य करें। जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं, इससे बड़ी संख्या में लोगों को काम का अवसर मिल रहा है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सुनिश्चित किए गए अवयवों पर तेजी से काम पूर्ण करें। इसके व्यवहारिक पहलू पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। मोके पर मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के सूचना प्रबंधन प्रणाली तथा मोबाईल ऐप एवं वेब पोर्टल का लोकार्पण किया। बैठक में मुख्य सचिव दीपक, सभी जिलाधिकारी और संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारी थे।-hindusthansamachar.in

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