भागलपुर के धरहरा गांव पर है आधारित, सौ भाइयों की लाडली - 29 जून से डीडी किसान पर हो रहा प्रसारित सुपौल, 04 जुलाई (हि. स.)। सदर थाना क्षेत्र के वीणा बभनगामा निवासी आजाद झा ने लड़कियों के भ्रूण हत्या और पर्यावरण संरक्षण को लेकर 100 भाइयों की लाडली सीरियल का निर्माण कर बेटी बचाओ पर्यावरण बचाओ मुहिम को एक नई गति प्रदान किया। डीडी किसान पर यह सीरियल 29 जून से शुरू हुआ है। झा ने बताया कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने और बेटियों को बोझ नहीं समझने का इस सीरियल में संदेश दिया गया है। भागलपुर जिले के धरहरा गांव जहां बेटी के जन्म पर कई वर्षों से 10 पौध रोपण करने की परंपरा है। इस गांव को आदर्श मानते हुए इसी पर सीरियल बनाया गया है। यह गांव आज बिहार ही नहीं देश में एक आदर्श गांव के रूप में जाना जाता है। धरहरा गांव को आदर्श मानकर अगर लोग बेटी के जन्म पर अपने-अपने गांव में दस-दस पौधे लगाएंगे तो जब बेटी बड़ी होगी तो यही पौधा उसके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। पेड़ लगाने से ना सिर्फ पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि लाडली के पिता भी आर्थिक रूप से संपन्न होंगे। इस फिल्म के निदेशक राकेश सिन्हा है जबकि मुजफ्फरपुर की बेटी फलक खां मुख्य भूमिका में है। नायिका विवाह के बाद जब ससुराल जाती है तब ससुराल में भी फलदार पौधे बांटकर लोगों के बीच अपने गांव की परंपरा के बारे में जानकारी देती हैं। प्रड्यूसर झा ने बताया कि आज के समय में यह सीरियल खासकर वैसे लोगों के लिए जो बेटी को बोझ समझते हैं और उसके जन्म होने पर दुख प्रकट करते हैं उन्हें इस सीरियल से सीख लेने की जरूरत है। झांकी देख सीरियल बनाने की मिली प्रेरणा 26 जनवरी 2012 में धरहरा गांव की झांखी देख एक प्रेरणा मिली थी। काफी दिन इसपर काम करने के बाद निर्देशक राकेश सिन्हा से मुलाकात के बाद 2016 में पायलट बना और अब एप्रूवल मिला। बेरोजगारी के कारण जाना पड़ा महानगरी 16 जुलाई 2003 को पांच सौ रुपए लेकर गांव से निकले आजाद आज अपने गांव के युवाओं के आदर्श बन गए हैं। शुरुआती दौर में काफी परेशानी के बाद भी आजाद ने हिम्मत नहीं हारी। लंबे संघर्ष के बाद आजाद ने 13 हॉलीवुड और 11 वॉलीबुड फिल्मों में लाइन प्रोड्यूसर के रूप में काम कर चुके हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ राजीव/चंदा-hindusthansamachar.in