बक्सर से चुनाव लड़ना गुप्तेश्वर पाण्डेय के लिए नहीं होगा आसान
बक्सर से चुनाव लड़ना गुप्तेश्वर पाण्डेय के लिए नहीं होगा आसान

बक्सर से चुनाव लड़ना गुप्तेश्वर पाण्डेय के लिए नहीं होगा आसान

बक्सर, 25 सितम्बर (हि.स.)। जब से गुप्तेश्वर पाण्डेय ने डीजीपी पद से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया है ,बक्सर जिले से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनके चुनाव लड़ने को लेकर लोगों में चर्चाओं का बाजार गरम है। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। सबसे ज्यादा इस कयास को बल मिल रहा है कि अगर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय बक्सर से चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए यह डगर आसान नहीं होगी । चुनाव के दौरान एनडीए के पर्दे पर घात—प्रतिघात और बगावत का दृश्य चलेगा ही। उधर प्रदेश जदयू के सचिव और बक्सर के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय से डरकर अपराधी सरेंडर करते थे, सामाजिक कार्यकर्ता और नेता नहीं। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 सितम्बर के बाद सीट बंटवारे और प्रत्याशी चयन की बात कही है तो किसी को पहले ही कैसे किसी सीट का दावेदार घोषित किया जा सकता है। पाण्डेय का राजनीति में आना एक स्वागतयोग्य कदम है। यह उनकी मर्जी है कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ते हैं। कयास जो भी हो पर यह तो तय है कि बक्सर सीट से चुनाव लड़ने में पूर्व डीजीपी पाण्डेय की राह में कई रोड़े हैं। पाण्डेय के वीआरएस लेने और लगभग चुनाव लड़ने की हामी ने बक्सर की राजनीतिक धरातल को गरम कर दिया है। खुद एनडीए के खेमे से ही बगावती स्वर उठने लगे हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील राय व किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य परशुराम चतुर्वेदी, जो खुद को भाजपा का सम्भावित प्रत्याशी मानकर बक्सर के गांव—गांव में जाकर जन संवाद कर रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि वर्षों कठिन परिश्रम से हमने जनता की सेवा कर भाजपा को स्थानीय तौर पर एक ठोस धरातल उपलव्ध करायी है। हम पैराशूट प्रत्याशी को नहीं मानेंगे। जब इन नेताओं से पूछा गया कि पाण्डेय बक्सर के स्थानीय हैं तो इनका कहना है कि सरकारी अमले में रहकर जनसेवा करना और राजनीतिक धरातल से जुड़कर समाज सेवा दो दीगर बातें हैं। एक ओर जहां जन सरोकार के लिए सरकार से पैसे लेने की बात होती है तो दूसरी ओर जन सरोकार के लिए राजनीतिक धरातल पर लोगों में नि:स्वार्थ सेवा भाव के होने की भी बात की जाती है। लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि इस बार पूर्व डीजीपी पाण्डेय तो क्या खुद नीतीश कुमार भी अगर बक्सर से चुनाव लड़ेंगे तो लोजपा पूरे दम—खम के साथ अपने प्रत्याशी को उतारेगी। अतः माना जार रहा है कि पूर्व डीजीपी बक्सर से चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए यह डगर आसान नहीं होगा। चुनाव के दौरान एनडीए के पर्दे पर घात—प्रतिघात और बगावत का दृश्य चलेगा ही। हिन्दुस्थान समाचार /अजय मिश्रा/हिमांशु शेखर/विभाकर-hindusthansamachar.in

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