पटना में फर्जी प्रमाणपत्र पर प्रधानाध्यापक बने 32 टीचरों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
पटना में फर्जी प्रमाणपत्र पर प्रधानाध्यापक बने 32 टीचरों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

पटना में फर्जी प्रमाणपत्र पर प्रधानाध्यापक बने 32 टीचरों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

पटना, 15 सितम्बर (हि स)। बिहार में शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक प्रोमोशन लेने का मामला प्रकाश में आया है। लेकिन अफसोस कि रियारमेंट के बाद शिक्षा विभाग की नींद खुली है। ऐसे ही एक मामले में अब पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी की नींद खुली है और कार्रवाई की अंतिम चेतावनी जारी की गई है। पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र लिखकर 32 मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक को जवाब देने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि अब तक कई पत्रों के माध्यम से आप सभी से स्नातकोत्तर की उपाधि विनायक मिशन विश्वविद्यालय सलेम तमिलनाडु एवं महात्मा गांधी विश्वविद्यालय मेघालय से पत्राचार के माध्यम से प्राप्त किया गया है, जिसे यूजीसी ने 23 अगस्त 2013 को ही अमान्य कर दिया है। आपके द्वारा अमान्य स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति किए जाने के फलस्वरूप स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, जो आपके द्वारा अब तक नहीं उपलब्ध कराया गया है, जो पूरे तौर पर विभागीय आदेश का उल्लंघन है। जिन प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही उनमें अनिल कुमार जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उपेंद्र कुमार सिन्हा मध्य विद्यालय दुल्हिन बाजार, राकेश कुमार प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय सकसोहरा,प्रमोद कुमार प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय चिरौरा, मोहम्मद निजामुद्दीन सेवानिवृत्त, शशि भूषण प्रसाद सिंह मध्य विद्यालय कुर्जी, सुनील कुमार प्रधानाध्यापक पश्चिमी मलाही, शैलेंद्र कुमार सिन्हा पुनपुन, शंभू कुमार काली स्थान मालसलामी, रविशंकर प्रसाद सिंह सेवानिवृत्त, गणेश चौधरी डुमरी पुनपुन, अशोक कुमार सिंह जमालबीघा, मोहम्मद अब्दुल रहीम समेत कुल 32 प्रधानाध्य़ापक शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार/मुरली/चंदा-hindusthansamachar.in

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