नहीं मिली राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को पेरोल
नहीं मिली राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को पेरोल

नहीं मिली राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को पेरोल

पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने को लगाईं थी अर्जी तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने पैरोल देने से किया इन्कार पटना, 20 सितम्बर (हि.स.) । तिहाड़ जेल ने सीवान से राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को पेरोल देने से इन्कार कर दिया है। अब शहाबुद्दीन पेरोल नहीं मिलने के कारण रविवार को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। बताया जा रहा था कि शहाबुद्दीन जेल से पेरोल मिलने के बाद वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले हैं, लेकिन उनको पेरोल नहीं मिल सका। इसके पीछे का कारण लंबी कानूनी प्रक्रिया बतायी जा रही है। मो. शहाबुद्दीन ने तिहाड़ जेल से पेरोल के लिए अर्जी लगाई थी। यह अर्जी तिहाड़ जेल के महानिदेशक के पास लगाई गई थी। शनिवार को उनके पिता शेख हसिब्बुल्लाह का निधन हो गया था। वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते थे लेकिन पेरोल नहीं मिल पाया । वर्ष 2018 से मो. शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। 85 साल के शेख हसिब्बुल्लाह पिछले करीब दो महीने से बीमार चल रहे थे जिन्हें इलाज के लिए पटना के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद उन्हें घर ले जाया गया था जहां उन्होंने अपने पैतृक निवास पर ही आखिरी सांस ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और चंद्रशेखर प्रसाद की याचिका पर बिहार में तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे मो. शहाबुद्दीन को 15 फरवरी, 2018 को सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया था जिसके बाद से शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद हैं। आशा रंजन के पति राजदेव रंजन और चन्द्रशेखर प्रसाद के तीन बेटों की अलग -अलग घटनाओं में हत्या कर दी गयी थी। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन /विभाकर-hindusthansamachar.in

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