त्योहार व चुनावी गतिविधियां बढ़ा सकती हैं कोरोना का संक्रमण
त्योहार व चुनावी गतिविधियां बढ़ा सकती हैं कोरोना का संक्रमण

त्योहार व चुनावी गतिविधियां बढ़ा सकती हैं कोरोना का संक्रमण

विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दी सावधानी बरतने की सलाह कोरोना से बचाव का सबसे सुरक्षित कवच है मास्क : डॉ. संजीव कुमार पटना, 19 सितम्बर (हि.स.) । राजधानी पटना में इन दिनों कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आ रही है। जिले में स्वस्थ होने की दर 92 फीसदी तक पहुंच चुका है। चिकित्सकों और स्वाथ्य विभाग ने इससे राहत की सांस ली है। हालांकि विशेषज्ञ आने वाले पर्व-त्योहार और चुनाव में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों ने त्योहारी सीजन और चुनाव को देखते हुए संक्रमण बढ़ने की आशंका भी जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि अब भी बाजार और सड़कों पर सैकड़ों लोग लापरवाही दिखा रहे हैं। ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे लोग अगर संक्रमित होते हैं तो उन से संक्रमण की दर फिर बढ़ सकती है। खासकर अगले कुछ महीनों में कई बड़े त्योहार के साथ-साथ राज्य में चुनाव भी होने वाले हैं। दशहरा, दीपावली, छठ और इसके बाद चुनाव में भीड़ जुटने की आशंका है। त्योहारी सीजन में बाजार से लेकर सड़क तक भीड़ जमा हो जाती है। यही हाल चुनाव का भी है। चुनाव प्रचार से लेकर वोटिंग करने तक लोगों की भीड़ एक जगह जुटने की आशंका है। यही कारण है कि चिकित्सक और विशेषज्ञ कोरोना का संक्रमण एक बार फिर फैलने को लेकर आशंकित हैं। उनका कहना है कि देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रेल, हवाई जहाज और बस सेवाएं शुरू हो गई हैं। लोगों का आवागमन भी तेजी से बढ़ा है। ऐसे में बाहरी लोगों के संपर्क में आने से संक्रमण बढ़ सकता है। पटना एम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार का कहना है कि यातायात के साधन खुलने से बाहर से बड़ी संख्या में लोग आ-जा रहे हैं। दूसरे दशहरा, दिवाली और छठ जैसे त्योहार में लोगों की भीड़ बढ़ती है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव होगा। मास्क से बड़ा रक्षक कोई नहीं है। जब भी बाहर निकलें मास्क लगाकर ही निकलें। हाथों को साबुन से बार-बार धोएं और सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें। जब भीड़ में जाएं तो कम से कम 6 फुट की दूरी दूसरे व्यक्ति से जरूर बनाएं। एम्स में ही मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. रविकीर्ति ने कहा कि बिहार में निश्चित ही संक्रमण की दर कम हुई है। पहले जहां 3000 से 3500 लोग रोज मिलते थे। अब आंकड़ा घटकर 1500 के आसपास सिमट गया है। जांच की संख्या पहले से कई गुना तक बढ़ गई है। उन्होंने भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को बचाव के लिए अनिवार्य बताया। पीएमसीएच में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. पीएन झा ने कहा कि दशहरा, छठ दोनों में आमतौर पर भीड़ ज्यादा रहती है। हालांकि प्रशासन की ओर से सतर्कता जरूर बरती जाएगी लेकिन लोगों को अपनी ओर से भी सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन /विभाकर-hindusthansamachar.in

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