डीजल सब्सिडी बंद करने के बाद अब 59 कृषि यंत्रों से हटाई गई सब्सिडी
डीजल सब्सिडी बंद करने के बाद अब 59 कृषि यंत्रों से हटाई गई सब्सिडी

डीजल सब्सिडी बंद करने के बाद अब 59 कृषि यंत्रों से हटाई गई सब्सिडी

कोरोना काल में अनुदान बजट डेढ़ सौ करोड़ से घटाकर 23.69 करोड़ किया गया अब केवल 17 कृषि यंत्रों की खरीद पर ही मिलेंगे सरकारी अनुदान पटना, 05 दिसम्बर (हि.स.) । कोरोना काल में किसानों की डीजल सब्सिडी बंद करने के बाद कृषि यंत्रों पर अनुदान की योजना पर भी ग्रहण लग गया है। कृषि विभाग ने कुल 59 तरह के यंत्रों पर अनुदान की व्यवस्था ख़त्म कर दी है। अब सिर्फ 17 तरह के कृषि यंत्रों पर ही किसानों को अनुदान दिया जाएगा। कृषि में नई तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से पिछले कई सालों से कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा था। पिछले साल तक कुल 76 कृषि यंत्रों पर किसान अनुदान ले रहे थे, लेकिन इस बार इसे घटाकर सिर्फ 17 यंत्र कर दिया गया है। ट्रैक्टर पर तो पांच साल पहले ही अनुदान बंद कर दिया गया था, क्योंकि कृषि कार्य के बहाने अनुदान पर ट्रैक्टर लेकर इसका व्यवसायिक इस्तेमाल किए जाने की शिकायत सरकार को मिलने लगी थी। 50 से लेकर 90 प्रतिशत तक अनुदान अलग-अलग तरह के कृषि यंत्रों पर 50 से लेकर 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता था। सामान्य वर्ग, एससी-एसटी एवं अत्यंत पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग अनुदान की व्यवस्था की गई है। कृषि रोडमैप के तहत राज्य सरकार ने कृषि यंत्रों की खरीदारी पर अनुदान की व्यवस्था इसलिए शुरू की थी ताकि किसानों को अत्याधुनिक खेती में मदद मिल सके। इसपर राज्य सरकार की ओर से प्रतिवर्ष करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा जाता था, लेकिन कोरोना के चलते आर्थिक संकट को देखते हुए इस बार सिर्फ 23 करोड़, 69 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। ऐसे में अनुदान वाले कृषि यंत्रों की संख्या में कटौती जरूरी थी। अभी खरीफ फसलों की कटनी को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों से आवेदन मांगे हैं। इन यंत्रों में फसल अवशेष प्रबंधन, कटनी के काम में आने वाले जरूरी यंत्र आदि शामिल हैं। किस यंत्र पर कितना अनुदान मिलता है बिहार में कृषि यंत्र - अनुदान फीसद (सामान्य)- एससी-एसटी-पिछड़ा ब्रस कटर : 40 - 50 प्रतिशत सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर : 50 प्रतिशत रीपर (ट्रैक्टर/पावर टीलर/पावर बीडर) : 50 प्रतिशत हैपी सीडर : 75 से 80 प्रतिशत स्ट्रा बेलर विदाउट रैक : 75 से 80 प्रतिशत स्ट्रा रीपर : 75 से 80 प्रतिशत रीपर कम बाइंडर (स्वचालित) : 50 प्रतिशत रीपर कम बाइंडर (ट्रैक्टर चालित) : 50 प्रतिशत गिनी रबर राइस मिल : 50 प्रतिशत मिनी दाल मिल/आइल मिल/राइस मिल : 50 प्रतिशत राइस मिल (विद्युत मोटर चालित) : 50 प्रतिशत रोटरी मल्चर : 75 से 80 प्रतिशत सुपर सीडर (ट्रैक्टर चालित-6 फीट) : 75 से 80 प्रतिशत सुपर सीडर (ट्रैक्टर चालित-7 फीट) : 75 से 80 प्रतिशत सुपर सीडर (ट्रैक्टर चालित-8 फीट) : 75 से 80 प्रतिशत स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम : 75 से 80 प्रतिशत हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन-hindusthansamachar.in

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